High Paying Jobs: अमेरिका में 10 लाख से ज्यादा जॉब्स खाली, 1 करोड़ रुपए तक की सैलरी पर भी क्यों नहीं काम कर रहे लोग? जानिए वजह

punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 03:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क: संयुक्त राज्य अमेरिका इस समय एक बड़ी श्रम कमी से जूझ रहा है। खासतौर पर ऐसे कामों में जहाँ तकनीकी कौशल और हाथों से काम करने की क्षमता की जरूरत होती है। जैसे प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिक, ट्रक ड्राइवर और फैक्ट्री कर्मचारी। इन क्षेत्रों में योग्य लोगों की भारी कमी ने कई उद्योगों की रफ्तार पर असर डाल दिया है।

फोर्ड कंपनी में 5,000 मैकेनिक की वैकेंसी, सैलरी पहुँचती है करोड़ रुपए तक
ऑटोमोबाइल दिग्गज फोर्ड के सीईओ जिम फ़ार्ले ने हाल ही में बताया कि कंपनी के पास अकेले मैकेनिक के करीब 5,000 पद खाली पड़े हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इन पदों का वेतन सालाना ₹1 करोड़ (लगभग 1,20,000 डॉलर) तक पहुँच सकता है। इसके बावजूद युवा इन नौकरियों की तरफ रुझान नहीं दिखा रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि नए जेनरेशन में ट्रेड स्किल्स सीखने की चाह कम होती जा रही है, क्योंकि उनका झुकाव ज्यादा दफ्तर आधारित या टेक्नोलॉजी वाली नौकरियों की ओर है।

पूरे अमेरिका में 10 लाख से ज्यादा कुशल कामगारों की कमी
यह सिर्फ ऑटोमोबाइल सेक्टर की समस्या नहीं है। पूरे अमेरिका में:
➤ प्लंबिंग
➤ इलेक्ट्रिकल वर्क
➤ हेवी मशीन ऑपरेशन
➤ ट्रक परिवहन
➤ मैन्युफैक्चरिंग


जैसे पेशों में 10 लाख से ज्यादा आवश्यक नौकरियाँ खाली हैं।
कई जगह कंपनियों को अपने उत्पादन प्लांट धीमे करने पड़े हैं। वहीं, ट्रक ड्राइवरों की कमी के कारण सप्लाई चेन पर लगातार दबाव बना हुआ है, जिससे सामान की डिलीवरी में देरी हो रही है। युवाओं में ट्रेड जॉब्स की लोकप्रियता कम क्यों हो रही हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार इसके पीछे कई प्रमुख कारण हैं:
➤ कॉलेज संस्कृति बढ़ी, ट्रेड स्कूल कम हुए
अमेरिका में पिछले दशक में कॉलेज शिक्षा को सफलता का मुख्य रास्ता माना जाने लगा। इसके चलते तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण लेने वाले छात्रों की संख्या घट गई।

➤ काम की शारीरिक मेहनत
कुशल ट्रेड जॉब्स में हाथों से काम करना पड़ता है, इसलिए युवा इन्हें कठिन और थकाऊ समझकर चुनने से बचते हैं।

➤ टेक्नोलॉजी सेक्टर का आकर्षण

आईटी और सॉफ्टवेयर जैसी इंडस्ट्री में ज्यादा ग्लैमर, आधुनिक माहौल और हाई-टेक कार्यसंस्कृति होने के कारण लोग उसी तरफ खिंचे चले जाते हैं।

उद्योगों पर भारी असर
कुशल कर्मचारियों की कमी का प्रभाव लगभग हर सेक्टर पर पड़ रहा है:
➤ टेक उद्योग: उपकरणों की इंस्टॉलेशन और मेंटेनेंस में देरी
➤ ऑटोमोबाइल निर्माण: सर्विस सेंटरों पर मैकेनिक की कमी
➤ निर्माण क्षेत्र: नई परियोजनाएँ धीमी गति से
➤ लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट: ट्रक ड्राइवरों की कमी से डिलीवरी प्रभावित


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Content Editor

Mansa Devi

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