6.3 तीव्रता का भूकंप, 20 की मौत...150 से ज्यादा घायल, जानें इस जगह क्यों आता है ज्यादा भूकंप
punjabkesari.in Monday, Nov 03, 2025 - 07:06 PM (IST)
नेशनल डेस्क: अफगानिस्तान के उत्तरी शहर मजार-ए-शरीफ के पास सोमवार सुबह धरती एक बार फिर जोर से हिली। 6.3 तीव्रता के भूकंप ने देखते ही देखते तबाही मचा दी। अब तक 20 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। ये झटके अगस्त के अंत में आए विनाशकारी भूकंपों की याद दिला रहे हैं, जिनमें 2,200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
अफगानिस्तान पहाड़ों से घिरा देश है, जहां प्राकृतिक आपदाएं आम हैं- बाढ़, सूखा और भूस्खलन तो आते ही रहते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा जानें भूकंप लेते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, हर साल औसतन 560 लोग भूकंप में मारे जाते हैं, और करीब 80 मिलियन डॉलर (लगभग 670 करोड़ रुपये) का आर्थिक नुकसान होता है।
भूकंप की जड़ें पृथ्वी की उन सात बड़ी टेक्टोनिक प्लेटों में छिपी हैं, जो हर साल 2 से 10 सेंटीमीटर की रफ्तार से खिसकती रहती हैं। जब ये प्लेटें टकराती या एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं, तो दबाव बनता है और अचानक निकलने पर यही ऊर्जा धरती को हिला देती है। अफगानिस्तान इसी संवेदनशील ट्रांसप्लेट ज़ोन में स्थित है, जहां लगातार कंपन बना रहता है।
यह देश यूरेशियन प्लेट के किनारे पर है- दक्षिण से अरेबियन प्लेट और पूर्व से इंडियन प्लेट लगातार इससे टकराती हैं। यही वजह है कि यह क्षेत्र दुनिया के सबसे सक्रिय टेक्टोनिक इलाकों में गिना जाता है। इंडियन प्लेट हर साल 4-5 सेंटीमीटर उत्तर की ओर बढ़ रही है, जिससे 'थ्रस्ट फॉल्ट' बनता है और जब दबाव बढ़ जाता है, तो रिक्टर स्केल पर 5 से 7 तीव्रता के झटके आते हैं। वहीं, दक्षिण से आने वाला अरेबियन दबाव 'सबडक्शन जोन' तैयार करता है, जिससे 6+ तीव्रता के भूकंप पैदा होते हैं।
अफगानिस्तान की धरती के नीचे हिंदूकुश फॉल्ट समेत 100 से ज्यादा सक्रिय फॉल्ट लाइन्स हैं- ये वही दरारें हैं जहां धरती की ऊर्जा दबकर इंतजार करती है… और जब निकलती है, तो तबाही बनकर ऊपर आती है।
