NASA का अलर्टः चीन ने बनाया खतरनाक प्लान, थम जाएगी धरती की रफ्तार ! अटक गई पूरी दुनिया की सांसें
punjabkesari.in Sunday, Jan 12, 2025 - 02:43 PM (IST)
International Desk: नासा ने हाल ही में एक चेतावनी (NASA alert)जारी की, जिसमें कहा गया कि चीन(China) के विशाल थ्री गॉर्जेस डैम ( Three Gorges Dam) के निर्माण के कारण पृथ्वी की घूर्णन गति पर असर पड़ रहा है। यह असर बहुत कम (0.06 माइक्रोसेकंड प्रति दिन) दिख रहा है, लेकिन यह वैज्ञानिकों के लिए चिंताजनक हो सकता है, क्योंकि अगर ऐसा प्रभाव बढ़ता है, तो यह भविष्य में और भी गंभीर परिणाम उत्पन्न कर सकता है। नासा के अनुसार, यह बदलाव किसी प्राकृतिक कारण से नहीं बल्कि मानव गतिविधियों, विशेष रूप से चीन के विशाल जलाशयों के निर्माण के कारण हो रहा है।
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पृथ्वी की गति पर जलाशयों का प्रभाव
पृथ्वी की घूर्णन गति में बदलाव मुख्य रूप से जलाशयों द्वारा धरती के द्रव्यमान (Mass) के पुनर्वितरण के कारण होता है। जब जल एक जगह जमा होता है, तो यह पृथ्वी के जड़त्वाघूर्ण (Moment of Inertia) को प्रभावित करता है। यदि पानी ध्रुवों पर जमा हो, तो घूर्णन गति बढ़ जाती है क्योंकि यह द्रव्यमान को पृथ्वी के केंद्र से दूर करता है। वहीं, अगर पानी भूमध्यरेखा पर जमा हो, तो इसका उल्टा प्रभाव पड़ता है और घूर्णन की गति धीमी हो जाती है।
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चीन के डैम और उनका असर
चीन का थ्री गॉर्जेस डैम यांग्त्ज़ी नदी पर बना हुआ एक विशाल जलाशय है, जो 185 मीटर (607 फीट) ऊंचा और 2 किलोमीटर (1.2 मील) से अधिक फैला हुआ है। यह डैम 40 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी को संचित करने में सक्षम है, और इसकी जल-विद्युत उत्पादन क्षमता 88 अरब मेगावाट तक है। जब इतने बड़े पैमाने पर पानी जमा होता है, तो इसका द्रव्यमान पृथ्वी के संतुलन को बदल सकता है, जिससे घूर्णन में थोड़ा बदलाव आ सकता है। नासा के वैज्ञानिक बेंजामिन फोंग चाओ के अनुसार, यह बदलाव भले ही प्रारंभ में बहुत कम (0.06 माइक्रोसेकंड) प्रतीत हो, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं, खासकर अगर जलाशय के आकार और संख्या बढ़ती जाएं।
ब्रह्मपुत्र नदी पर पृथ्वी की गति पर असर
चीन ने थ्री गॉर्जेस डैम के बाद अब ब्रह्मपुत्र नदी (यारलुंग त्सांगपो) पर एक और विशालकाय डैम बनाने की योजना बनाई है, जिसे थ्री गॉर्जेस डैम से भी अधिक करीब 300 अरब मेगावाट बिजली पैदा करने की क्षमता होगी । इस नए डैम के निर्माण से पहले के अनुभवों से यह समझा जा सकता है कि पृथ्वी की गति पर इसका और भी बड़ा असर पड़ सकता है।
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क्या पृथ्वी की गति पर यह बदलाव स्थायी होगा?
पृथ्वी के घूर्णन में बदलाव किसी एक घटना का परिणाम नहीं है, बल्कि यह एक सतत प्रक्रिया है जो मानव गतिविधियों के साथ बढ़ सकती है। हालांकि यह 0.06 माइक्रोसेकंड का बदलाव अब मामूली लगता है, लेकिन अगर ऐसे विशाल जलाशयों का निर्माण और बढ़ता है, तो यह बदलाव लगातार बढ़ सकता है। इससे पृथ्वी की घूर्णन गति में स्थायी बदलाव हो सकता है, जिसका प्रभाव मौसम, समय और जलवायु पर पड़ सकता है।
प्राकृतिक संसाधनों को तबाह कर रहा चीन
चीन लगातार अपनी तकनीकी क्षमता को बढ़ा रहा है और प्राकृतिक संसाधनों का बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहा है। थ्री गॉर्जेस डैम एक बेहतरीन उदाहरण है कि किस तरह मानव निर्मित परियोजनाएं प्रकृति के नियमों को चुनौती दे सकती हैं। ऐसे विशाल जलाशयों के निर्माण से न सिर्फ पृथ्वी की गति प्रभावित होती है, बल्कि इससे जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय असंतुलन और अन्य प्राकृतिक संसाधनों पर भी दबाव पड़ सकता है।
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