''भारत-पाकिस्तान युद्ध में हमने मध्यस्थता की'', अमेरिका के बाद अब चीन ने किया दावा
punjabkesari.in Wednesday, Dec 31, 2025 - 06:00 AM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद अब चीन ने भी भारत और पाकिस्तान के बीच मई महीने में हुए सैन्य टकराव में मध्यस्थता करने का दावा किया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को कहा कि मई 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को कम करने में चीन ने भूमिका निभाई थी।
हालांकि, भारत पहले ही साफ कर चुका है कि वह किसी भी तीसरे देश की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता। भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता वाले दावों का भी खुलकर विरोध किया था। भारत का कहना है कि 7 से 10 मई के बीच हुए सैन्य टकराव का समाधान भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) के बीच सीधे संपर्क और बातचीत से हुआ, न कि किसी बाहरी देश की मदद से।
बीजिंग में बोले चीनी विदेश मंत्री
बीजिंग में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हालात और चीन के विदेश संबंधों पर संगोष्ठी में वांग ने कहा, “इस साल, द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से किसी भी समय की तुलना में स्थानीय युद्ध और सीमा पार संघर्ष अधिक बार भड़के। भू-राजनीतिक उथल-पुथल लगातार फैलती जा रही है।” उन्होंने कहा, “स्थायी शांति स्थापित करने के लिए, हमने एक वस्तुनिष्ठ और तर्कसंगत रुख अपनाया है, और लक्षणों और मूल कारणों दोनों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”
भारत-पाक तनाव में भी मध्यस्थता का दावा
वांग यी ने दावा किया कि इसी चीनी दृष्टिकोण के तहत चीन ने कई अंतरराष्ट्रीय विवादों में मध्यस्थता की है। उन्होंने कहा कि चीन ने—
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उत्तरी म्यांमार के संकट
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ईरान के परमाणु मुद्दे
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भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव
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फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष
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कंबोडिया और थाईलैंड के हालिया टकराव
जैसे मामलों में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है।
भारत-पाक टकराव
वांग यी की यह टिप्पणी मई 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य टकराव के कई महीने बाद आई है। दरअसल, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से उकसावे वाली कार्रवाइयों के चलते भारत ने जवाबी कार्रवाई को पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों तक भी बढ़ा दिया था। दोनों देशों के बीच तनाव 7 से 10 मई तक चला, जिसके बाद डीजीएमओ स्तर की बातचीत से हालात को काबू में लाया गया।
भारत का रुख साफ
भारत लगातार यह दोहराता रहा है कि भारत-पाकिस्तान से जुड़े किसी भी मुद्दे का समाधान द्विपक्षीय बातचीत से ही होगा, और इसमें किसी तीसरे देश की मध्यस्थता की कोई भूमिका नहीं है।
