ईरान के परमाणु केंद्र पर दोबारा हमला, इजराइल ने एविन जेल को भी बनाया निशाना
punjabkesari.in Monday, Jun 23, 2025 - 07:12 PM (IST)

International Desk: पश्चिम एशिया में हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार को ईरान के फोर्दो स्थित भूमिगत यूरेनियम संवर्धन केंद्र पर एक बार फिर हमला किया गया। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिका ने एक दिन पहले ही फोर्दो सहित तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बम गिराए थे। ईरान का आरोप है कि सोमवार का यह हमला इजराइल द्वारा किया गया है।
ईरान का जवाब
फोर्दो पर हमले के तुरंत बाद ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ के तहत इजराइल के हाइफा, तेल अवीव और यरुशलम शहरों पर जवाबी मिसाइल और ड्रोन हमले किए। ईरानी मीडिया ने दावा किया कि इन हमलों से इजराइली रक्षा प्रणाली को चुनौती मिली। इजराइल ने अपने नागरिकों से बंकरों में छिपने का आह्वान किया और कहा कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली हमलों को रोकने में सक्रिय है।ईरान के सेना प्रमुख जनरल अब्दुलरहीम मौसवी ने कड़ा बयान देते हुए कहा कि अमेरिका ने ईरानी संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन किया है और अब ईरानी सशस्त्र बलों को अमेरिकी ठिकानों और हितों पर जवाबी कार्रवाई करने की पूरी छूट दे दी गई है। पश्चिम एशिया में हजारों अमेरिकी सैनिकों की तैनाती के मद्देनजर यह चेतावनी बेहद अहम मानी जा रही है।
IAEA ने जताई चिंता
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी( IAEA ) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने आशंका जताई कि रविवार के अमेरिकी हमले में फोर्दो में भारी नुकसान हुआ होगा। अमेरिकी थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी द्वारा जारी सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार चार सुरंगों में से तीन के प्रवेश द्वार पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। हालांकि स्वतंत्र निरीक्षण अब भी संभव नहीं हो पाया है।
एविन जेल पर ड्रोन हमला
तेहरान स्थित एविन जेल जहां दोहरी नागरिकता वाले और पश्चिमी देशों से जुड़े कैदी रखे जाते हैं, उस पर भी ड्रोन हमला हुआ है। हमले की पुष्टि ईरानी सरकारी मीडिया ने की है, लेकिन अभी तक इसकी जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है। हालांकि, इजराइल को इसके लिए संदिग्ध माना जा रहा है। ईरान और वैश्विक शक्तियों के बीच 2015 में हुए परमाणु समझौते के तहत, ईरान ने यूरेनियम संवर्धन को सीमित करने और अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण की अनुमति दी थी। लेकिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 2018 में इस समझौते से एकतरफा हटने के बाद, ईरान ने संवर्धन का स्तर 60% तक बढ़ा दिया जो हथियार-स्तर के 90% से बहुत नजदीक है।