अफगानिस्तान में भूकंप का तांडव: परिवार के सारे लोग मारे गए, अकेली बची नन्हीं बच्ची की तस्वीर हुई वायरल, भावुक हुए लोग
punjabkesari.in Friday, Jun 24, 2022 - 01:48 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क: पूर्वी अफगानिस्तान में विनाशकारी भूकंप आने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को लोगों ने अपने प्रियजनों के शवों को दफन किया और जीवित बचे लोगों की तलाश करने के लिए अपने मकानों के मलबे हाथों से हटाने की कोशिश करते दिखे । भूकंप में कम से कम 1,000 लोगों की मौत हो गई है। तालिबान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय आपदा पीड़ितों की मदद करने में मशक्कत कर रहे हैं। अफगानिस्तान का पक्तिका प्रांत बुधवार को आये 6 तीव्रता की भूकंप का केंद्र था। शवों को दफनाने के लिए वहां लोगों ने एक गांव में कतार से कब्र खोदी। वहीं अफगानिस्तान की एक बच्ची की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसको देखकर लोग भावुक कर देने वाली प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
इस फोटो को वहां के एक पत्रकार ने ट्वीटर पर पोस्ट किया है। जिसमें फोटो के साथ उन्होंने लिखा कि ' यह बच्ची संभवत: अपने परिवार की बची शायद इकलौती जीवित सदस्य है। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने बच्ची के परिवार के जिंदा सदस्यों को खोजने की कोशिश की, यह बच्ची तीन साल की लग रही है।' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,कहा जा रहा है कि बुधवार को आए भूकंप के बाद यह बच्ची अपने परिवार की आखिरी जीवित सदस्य है। बच्ची की फोटो में उसके चेहरे पर मिट्टी लगी दिख रही है। इसके अलावा बैकग्राउंड में भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त घर दिख रहा है। उनके ट्वीट पर ट्विटर यूजर्स भावुक करने वाली प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
अफगानिस्तान में बुधवार को आया भूकंप दशकों में सर्वाधिक विनाशकारी था। पर्वतीय क्षेत्र में हुई तबाही के बारे में जानकारी धीरे-धीरे सामने आ रही है। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। सरकारी बख्तर समाचार एजेंसी ने अपनी खबर में 1,500 लोगों के घायल होने का दावा किया है। वहीं मृतकों की पहली स्वतंत्र गणना करने के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता समन्वय कार्यालय ने कहा कि पक्तिका और पड़ोसी खोस्त प्रांत में करीब 770 लोगों की मौत हो गई। समाचार एजेंसी बख्तर के एक संवाददाता ने भूकंप प्रभावित क्षेत्र से भेजे एक फुटेज में कहा, ‘‘(भूकंप पीड़ितों के) उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं हैं और बारिश भी हो रही है। उनके मकान नष्ट हो गये हैं। कृपया उनकी मदद करें, उन्हें अकेला नहीं छोड़िये।'' इस आपदा ने एक ऐसे देश के लिए और आफत बढ़ा दी है जहां लाखों लोग बढ़ती भुखमरी और गरीबी का सामना कर रहे हैं तथा अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के बीच करीब 10 महीने पहले तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने के बाद से स्वास्थ्य प्रणाली चरमरा गई है।