न्यू कैलेडेनिया की मांग से उड़े राष्ट्रपति मैक्रों के होश; भेजी सेना, फ्रांस में अचानक लगा दी एमरजैंसी

punjabkesari.in Thursday, May 16, 2024 - 03:15 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों फ्रांसीसी प्रशांत क्षेत्र न्यू कैलेडोनिया में हिंसा रोकने के लिए आपातकाल  लगा दिया हैं। राष्ट्रपति कार्यालय ने  यह जानकारी दी। क्षेत्र के अधिकारियों और फ्रांसीसी मीडिया में आईं खबरों के अनुसार हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो चुकी है जबकि एक पुलिसकर्मी समेत चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।  मैक्रों  यह वादा करते हुए  न्यू कैलेडोनिया में सेना भेजी कि सड़कों पर कोई सेना नहीं होगी। फ्रांसीसी अधिकारियों ने कहा कि वे "बंदरगाहों और हवाई अड्डों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए" सैनिक भेज रहे हैं। 

 

🇫🇷🇳🇨MACRON SENDS TROOPS TO NEW CALEDONIA

Promising there would be no army on the streets, French officials said they were sending troops “to provide security for ports and airports.”

Five thousand people have been involved in riots that left four dead and hundreds injured after… pic.twitter.com/QwO84WawFd

— Mario Nawfal (@MarioNawfal) May 16, 2024

फ्रांस  सरकार द्वार बुधवार को न्यू कैलेडोनिया में कम से कम 12 दिन के लिए आपातकाल लागू करने से पूरे देश में हलचल मच गई है। इस कदम के पीछे फ्रांस सरकार का मकसद प्रशांत क्षेत्र में जारी विरोध-प्रदर्शनों को काबू करने के लिए पुलिस को और अधिक शक्तियां प्रदान करना है। बता दें कि न्यू कैलेडोनिया में जारी हिंसक प्रदर्शन में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है। फ्रांस सरकार की प्रवक्ता प्रिस्का थेवेनोट ने बुधवार दोपहर को पेरिस में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद आपातकाल लागू करने के फैसले की घोषणा की। फ्रांसीसी मीडिया में आईं खबरों के अनुसार, सोमवार से 130 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। 

 

क्या है मामला ?
न्यू कैलेडोनिया में मतदाता सूचियों के विस्तार के फ्रांस के प्रयासों के खिलाफ सोमवार को विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। फ्रांसीसी नेशनल असेंबली द्वारा दीर्घकालिक फ्रांसीसी निवासियों को स्थानीय चुनावों में मतदान करने की अनुमति देने के बाद हुए दंगों में पांच हजार लोग शामिल थे, जिनमें चार लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। राष्ट्रपति कार्यालय एलिस पैलेस में मैक्रों की अध्यक्षता में हुई बैठक में शामिल हुए प्रधानमंत्री गैब्रियल एटल ने संसद में अपने संबोधन में कहा कि आपातकाल लगाने का उद्देश्य "कम से कम समय में व्यवस्था बहाल करना" होगा।

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आपातकाल लागू करने के तरीकों को लेकर एक आदेश बुधवार दोपहर फ्रांसीसी मंत्रिमंडल के सामने पेश किया जाएगा। मैक्रों ने एक बयान में राजनीतिक वार्ता बहाल करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और विदेशी मंत्री से न्यू कैलेडोनिया के प्रतिनिधिमंडलों को पेरिस में आमंत्रित का निर्देश दिया। बयान में कहा गया है, " हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती और व्यवस्था बहाल करने के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी।” न्यू कैलेडोनिया द्वीप समूह में स्वतंत्रता चाहने वाले मूल निवासी कनकों और फ्रांस का हिस्सा बने रहने के इच्छुक लोगों के बीच दशकों से तनाव रहा है।

 

फ्रैंक ने कहा- “स्थिति गंभीर नहीं, बल्कि बहुत गंभीर
फ्रांस के गृह मंत्रालय ने लंबे समय तक जेल के रूप में इस्तेमाल किए गए न्यू कैलेडोनिया में मंगलवार को पुलिस भेजी थी। राजधानी नोमिया और इसके आसपास कर्फ्यू लागू होने व सभा पर प्रतिबंध के बावजूद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई हैं। उच्चायुक्त के पद पर आसीन क्षेत्र के शीर्ष फ्रांसीसी अधिकारी लुई ली फ्रैंक ने आगाह किया है कि अगर शांति कायम नहीं हुई तो नोमिया महानगर क्षेत्र में “कई मौत” हो सकती हैं, जहां मंगलवार को मतदान अधिकारों को लेकर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे। फ्रैंक ने कहा, “स्थिति गंभीर नहीं, बल्कि बहुत गंभीर है। हम खतरनाक, घातक स्थिति में पहुंच गए हैं। ” मतदाता सूचियों के विस्तार से फ्रांस समर्थक राजनेताओं को फायदा जबकि कनक समुदाय के मूल निवासियों को नुकसान होगा। बुधवार को फ्रांस की नेशनल असेंबली ने न्यू कैलेडोनिया में चुनाव निकाय में सुधार से संबंधित संविधान संशोधन को मंजूरी दे दी थी। संशोधन विधेयक के पक्ष में 351 जबकि विरोध में 153 सांसदों ने वोट डाला।  


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Content Writer

Tanuja

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