#BREXIT- यूरोपियन यूनियन से बाहर हुआ UK, कैमरन का इस्तीफा

punjabkesari.in Friday, Jun 24, 2016 - 08:42 PM (IST)

ब्रिटेन: BREXIT यानी ब्रिटेन का यूरोपियन यूनियन से एग्जिट होना। ऐतिहासिक रेफरेंडम में ब्रिटेन यूरोपियन संघ से बाहर हो गया है। जनमत संगह के अब तक प्राप्‍त नतीजों के अनुसार 52 प्रतिशत मतदाताओं ने यूरोपीय संघ से बाहर होने के पक्ष में मोहर लगाई है। लेकिन इस मुक़ाबले में वो लोग थोड़ा पीछे रह गए जो ब्रिटेन के यूरोपीय संघ के साथ रहने के पक्ष में थे। 48 प्रतिशत मतदाताओं ने यूरोपीय संघ के पक्ष में वोट दिया।

एक अनुमान के मुताबिक, 4 करोड़ 60 लाख से ज्यादा लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया, इनमें करीब 12 लाख भारतीय मूल के हैं। इस जनमत संग्रह के रुझान आने शुरू हो गए हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले 1975 में भी इस तरह का एक जनमत संग्रह हो चुका है, तब अधि‍कतर लोगों यूनियन में बने रहने के पक्ष में वोट किया था। ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने पत्नी सामंता के साथ वोट डालने के बाद ब्रिमेन (ब्रिटेन का ईयू में बने रहना) के समर्थन में ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए ईयू में बने रहने के पक्ष में मतदान करें।


अक्टूबर में ब्रिटेन को मिलेगा नया पीएम
सियासत के इस बड़े उलटफेर में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन जल्द ही त्यागपत्र देंगे। खुद कैमरन ने कहा कि अब देश को नए प्रधानमंत्री की आवश्यकता है। अगर तीन माह में कैमरन त्यागपत्र देते हैं तो अक्टूबर में देश को नया पीएम मिलेगा।


आखिर क्यों उठी EU से ब्रिटेन के अलग होने की मांग?
साल 2008 में ग्रेट ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ गई। देश में बेरोजगारी बढ़ गई। इसकी वजह से एक बहस ने जन्म लिया कि क्या ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन से अलग हो जाना चाहिए? इस मांग को 2015 में ब्रिटेन में हुए आम चुनावों में यूनाइटेड किंगडम इंडिपेंडेंस पार्टी (यूकेआईपी) ने उठाया। एक धड़े का मानना है कि अगर ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन से अलग हो जाता है तो देश की सारी दिक्कतें दूर हो जाएंगी।

 

ब्रिटेन को यह होगा फायदा
- ब्रिटेन को सालाना यूरोपियन यूनियन के बजट के लिए 9 अरब डॉलर नहीं देने होंगे।
- ब्रिटेन की सीमाओं पर बिना रोक-टोक के आवाजाही पर लगाम लगेगी।
- फ्री वीजा पॉलिसी की वजह से ब्रिटेन को हो रहा नुक्सान भी कम होगा।

यह होगा नुक्सान
- ब्रिटिश जीडीपी को 1 से 3 प्रतिशत नुक्सान का अनुमान।
- ब्रिटेन के लिए सिंगल मार्केट सिस्टम खत्म हो जाएगा।
- दूसरे यूरोपीय देशों में ब्रिटेन को कारोबार से जुड़ी दिक्कतें होंगी।
- पूरे यूरोपियन यूनियन पर ब्रिटेन का दबदबा खत्म हो जाएगा।


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