covid Lockdown: चीन में कोरोना प्रतिबंधों के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन...आधी रात सड़कों पर जमा हुए लोग
punjabkesari.in Sunday, Nov 27, 2022 - 10:11 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र में भीषण आग लगने की घटना से लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने कई शहरों में covid-19 संबंधी प्रतिबंधात्मक कदमों के खिलाफ शनिवार रात प्रदर्शन किए। कई प्रदर्शनों की तत्काल पुष्टि नहीं हो पाई, लेकिन पुलिस ने आधी रात में ‘मिडल उरुमकी रोड' पर एकत्र हुए करीब 300 प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया। शिनजियांग की राजधानी उरुमकी में एक अपार्टमेंट में लगी आग में 10 लोगों की मौत होने से आक्रोशित लोग सड़कों पर उतर आए। झाओ नाम के एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि उसके एक मित्र को पुलिस ने पीटा और उसके दो मित्रों के खिलाफ मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया गया।
At this movement in the chilly winter night, Shanghai people are chanting on the downtown street “ we don’t want dictatorship, we want democracy”.Extraordinary courage and solidarity showed. After 3 years of suffering from lockdown & control of society, people are raged. pic.twitter.com/AZRFh6bbiE
— Vivian Wu (@vivianwubeijing) November 26, 2022
प्रदर्शनकारी ने अपना उपनाम ही बताया। उसने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने ‘शी चिनफिंग, इस्तीफा दो, कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता छोड़ो', ‘शिनजियांग से प्रतिबंध हटाओ, चीन से प्रतिबंध हटाओ', ‘हम पीसीआर (जांच) नहीं कराना चाहते, स्वतंत्रता चाहते हैं' और ‘प्रेस की स्वतंत्रता' सहित कई नारे लगाए। इससे पहले शनिवार को, शिनजियांग क्षेत्र के अधिकारियों ने उरुमकी में कुछ मोहल्लों से प्रतिबंध हटा दिया।
उरुमकी के निवासियों द्वारा शहर में तीन महीने से अधिक समय से लागू ‘लॉकडाउन' के खिलाफ देर रात असाधारण प्रदर्शन किए जाने के बाद अधिकारियों को प्रतिबंध हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। कई लोगों का आरोप है कि वायरस संबंधी प्रतिबंधों के मद्देनजर लगाए गए अवरोधकों के कारण आग और भीषण हो गई तथा आपात कर्मियों को आग बुझाने में तीन घंटे का समय लगा, लेकिन अधिकारियों ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि इमारत में कोई अवरोधक नहीं लगाए गए थे तथा निवासियों को वहां से जाने की अनुमति थी
उरुमकी शहर के अधिकारियों ने एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर अपार्टमेंट में रहने वालों पर मौत की जिम्मेदारी डालने की कोशिश की, जिसके कारण लोगों का गुस्सा और भड़क गया। पुलिस ने विरोध करने वालों की आवाज को दबाने की कोशिश की और मरने वालों की संख्या के बारे में ऑनलाइन ‘‘गलत जानकारी'' फैलाने के आरोप में 24 वर्षीय एक महिला को गिरफ्तार किया।