5जी तकनीक बनी जीव-जंतुओं के लिए खतरा, नीदरलैंड में टैस्टिंग के दौरान मरे 297 पक्षी
punjabkesari.in Friday, Dec 07, 2018 - 11:01 AM (IST)
इंटरनैशनल डेस्कः 4जी का आनंद उठाने के बाद सभी बेसब्री से 5जी नैटवर्क का इंतजार कर रहे हैं लेकिन इसकी रेडिएशन से ब्रह्मांड को ही खतरा पैदा हो गया है और यह किसी की जान भी ले सकता है। 5जी को पूरी तरह से लॉन्च करने को लेकर तकनीक क्षेत्र में कई अग्रणी कंपनियां अलग-अलग मानकों पर इसका परीक्षण कर रही हैं।
दुनिया को पूरी तरह से बदलने का दावा करने वाली यह तकनीक अब जीव-जंतुओं के लिए खतरा बनती जा रही है। 5जी को लेकर यह अहम सवाल तब खड़ा हुआ है जब करीब एक सप्ताह पहले नीदरलैंड के हेग शहर में टैस्टिंग के दौरान अचानक 297 स्टार्लिग पक्षी मर गए। इनमें से 150 पक्षियों की मौत टैस्टिंग शुरू होने के तुरंत बाद हो गई। ऐसे में एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या हम आधुनिक होने के बदले जीव-जंतुओं व पर्यावरण के लिए खतरा बनते जा रहे हैं? 5जी टैस्टिंग के रेडिएशन का इतना बुरा प्रभाव था कि आसपास के कई तालाब में बत्तखों के झुंड में अजीब तरह का व्यवहार देखा गया। वे बार-बार अपना सिर पानी में डुबो रही थीं और बाहर आ रही थीं।
पहले भी टैस्टिंग के दौरान हुई है परेशानी
नीदरलैंड के इस शहर में 5जी टैस्टिंग के दौरान रेडियो फ्रीक्वैंसी रेडिएशन 7.40 गीगाहर्ट्ज थी। हालांकि अभी इसके बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इसके पहले भी एक और शहर में 5जी टैस्टिंग के दौरान कई गायों को भी परेशानी हुई थी। स्विट्जरलैंड में भी 5जी टैस्टिंग के दौरान गायों का एक झुंड अचानक जमीन पर गिर गया था।
कैंसर का भी खतरा
हॉलैंड के एक एन.जी.ओ. के चेयरमैन पिटर कैलिन ने कहा, ‘‘पहले हमें बताया गया था कि माइक्रोवेव से किसी भी जीव को खतरा नहीं होता लेकिन पर्यावरण मामलों के कई डॉक्टर्स ने चेतावनी दी है कि 5जी तकनीक में इलैक्ट्रोमैग्नैटिक रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है। ये बहुत तेजी से जीव-जंतुओं की स्किन में अब्जॉर्व होता है। इससे कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। 5जी के कई प्रोमोटर्स का दावा है कि इस तकनीक से डाटा ट्रांसफर बहुत अधिक तीव्र हो जाएगा और साथ में एनर्जी व वित्तीय खर्च भी बहुत कम होगा।