PM मोदी-कार्नी की मुलाकात पर भड़के खालिस्तानीः ओटावा में जनमत संग्रह दौरान तिरंगे का अपमान, लगाए हिंसक नारे
punjabkesari.in Tuesday, Nov 25, 2025 - 06:22 PM (IST)
International Desk: कनाडा की राजधानी ओटावा रविवार को उस समय तनाव और भारत-विरोधी नारों से गूंज उठी, जब खालिस्तानी समर्थकों ने अवैध ‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ के दौरान भारतीय तिरंगे का अपमान किया और ‘भारतीय प्रधानमंत्री को मारो’ जैसे उग्र नारे लगाए। जनमत संग्रह का आयोजन प्रतिबंधित और आतंकी गतिविधियों में शामिल संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) ने किया। यह वोटिंग पूरी तरह गैर-कानूनी, अनौपचारिक और भारत के खिलाफ उकसाने वाली गतिविधि मानी जा रही है।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुबह से शाम तक लोग पीले ‘खालिस्तान झंडे’ लहराते कतारों में खड़े रहे। आयोजकों का दावा है कि 53,000 से अधिक लोग ओंटेरियो, अल्बर्टा, ब्रिटिश कोलंबिया और क्यूबेक से पहुंचे। भीड़ में छोटे बच्चे, प्रेग्नेंट महिलाएं, बुजुर्ग सभी शामिल थे, जिससे साफ है कि भीड़ बढ़ाने के लिए जानबूझकर पूरे परिवारों को लाया गया।
Frustrated by India’s grand 350th Shaheedi Diwas ceremony at Red Fort, Pak activates Khalistani referendum abroad.
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) November 25, 2025
In Canada's Ottawa, extremists insulted the Tricolour and threatened Indian leaders with kill slogans, in full view of Canadian Police. pic.twitter.com/YGd7m9245I
वोटिंग में पूछा गया सवाल
“क्या पंजाब को भारत से अलग कर स्वतंत्र खालिस्तान राष्ट्र बनाया जाए?”सरकारों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुसार यह प्रश्न भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला माना गया है। मैकनैब कम्युनिटी सेंटर के बाहर खालिस्तान समर्थकों ने “मार दो मार दो”, “इंडिया डाउन”जैसे नारे लगाए, जिनका लक्ष्य भारत के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और शीर्ष अधिकारी थे। SFJ का सरगना और मोस्ट वांटेड आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू विदेश से सैटेलाइट लिंक के माध्यम से भीड़ को संबोधित करता रहा और भारत-विरोध को हवा देता रहा।
कार्नी-मोदी मुलाकात पर भी खालिस्तानियों का गुस्सा
हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में G20 समिट के दौरान PM मोदी और कनाडाई PM मार्क कार्नी की मुलाकातपर भी SFJ ने सवाल खड़े किए। उनका आरोप है कि “जब कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियां चल रही हैं, कार्नी भारतीय PM से क्यों मिले?” भारत सरकार ने इस आयोजन को “भारत की संप्रभुता को चुनौती देने वाला, अवैध और खतरनाक प्रयास”बताया। भारत का स्पष्ट आरोप है कि कनाडा की जमीन का इस्तेमाल भारत को अस्थिर करने और पंजाब को अलग करने के लिए किया जा रहा है।
उधर भारत–कनाडा व्यापार वार्ता फिर शुरू
इसी बीच दोनों देशों ने घोषणा की कि रुकी हुई ट्रेड डील वार्ता दो साल बाद फिर से शुरू होगी। मंत्री पीयूष गोयल ने बताया-2030 तक व्यापार $50 बिलियन (₹4.45 लाख करोड़) तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। PM कार्नी ने भी कहा कि यह समझौता 70 बिलियन कनाडाई डॉलर तक व्यापार ले जा सकता है।
पहले भी तिरंगे का अपमानः यह कोई पहली घटना नहीं
- मार्च 2024, कैलगरी: खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने तलवार और भाले से तिरंगा काटा
- अप्रैल 2025, सरे: बैसाखी परेड में तिरंगे को जमीन पर घसीटा
- नवंबर 2025, मॉन्ट्रियल: 500+ कारों की रैली में ‘खालिस्तान जिंदाबाद’
- 15 नवंबर, ओटावा: भारतीय उच्चायुक्त के घर के बाहर रैली, जिसमें AI फ्लाइट बम विस्फोट दोषी संतोख सिंह खेला शामिल
- ये सभी घटनाएँ संकेत देती हैं कि कनाडा में खालिस्तानी उग्रवाद दिनोंदिन अधिक आक्रामक होता जा रहा है।
