ताइवान को लेकर चीन की अमेरिका को धमकी-"सुर बदलो या युद्ध के लिए रहो तैयार"

punjabkesari.in Tuesday, Dec 29, 2020 - 01:28 PM (IST)

बीजिंगः चीन और अमेरिका एक बार फिर आमने-सामने हैं। दोनों देशों के बीच कोरोना वायरस को लेकर शुरू हुआ टकराव अब हांगकांग, दक्षिण चीन सागर और ताइवान को लेकर और बढ़ गया है। सोमवार को अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप द्वारा ताइवान कानून 2020 पर हस्‍ताक्षर करने के बाद चीन ने ताइवान को लेकर एक बार फ‍िर अमेरिका को चेतावनी दी है। चीन ने सीधे शब्दों में धमकाते हुए कहा है कि ताइवान को लेकर या तो अमेरिका अपना रवैया बदल ले या फिर युद्ध के लिए तैयार रहे। चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार आगाह किया कि अमेरिका को ताइवान में दखलअंदाजी बंद करनी चाहिए।

PunjabKesari

चीन का यह बयान सोमवार को अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप द्वारा ताइवान कानून 2020 पर हस्‍ताक्षर करने के बाद सामने आया है। चीन किसी भी देश के ताइवान के साथ स्‍वतंत्र संबंध स्‍थापित करने को लेकर कड़ी आपत्ति जताता रहा है। चीनी सरकार के मुखपत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स के संपादक हु शिजिन ने अपने एक लेख में लिखा कि अगर ताइवान अमेरिका के साथ कूटनीतिक संबंध कायम करता है तो चीन को पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। चीन ने कहा है कि अगर अमेरिका ताइवान को हथियार बेचने की योजना पर आगे बढ़ता है तो वह उचित और जरूरी जवाब देगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि ताइवान को 60 करोड़ डॉलर मूल्य के सैन्य ड्रोन की बिक्री चीन के आंतरिक मामलों में घोर हस्तक्षेप है और चीन की संप्रभुता व सुरक्षा हितों की गंभीर अनदेखी है।

PunjabKesari

इससे पहले अमेरिका के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने चीन को आगाह किया था कि वह ताइवान का बलपूर्वक विलय करने की कोशिश बिल्‍कुल न करे। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ताइवान पर हमला करना बेहद मुश्किल साबित होगा। ब्रायन ने कहा कि ताइवान पर किसी भी संभावित हमले के समय चीन को अमेरिका के कड़े प्रतिरोध का सामना करना होगा। चीन के स्वशासित ताइवान को सैन्य तरीके से अपने में मिलाने का फैसले पर अमेरिका क्या करेगा ? के सवाल पर अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि इसे लेकर अभी साफ तौर कुछ नहीं कहा जा सकता है।

PunjabKesari

अमेरिका ताइवान को अपनी सुरक्षा करने के लिए हथियार उपलब्ध कराता रहा है। हालांकि, उसने ये कभी स्पष्ट नहीं किया है कि चीन के हमले की स्थिति में वो सैन्य तरीके से दखल देगा या नहीं। ब्रायन ने ताइवान से मांग की कि वो अपना रक्षा बजट बढ़ाए। उन्‍होंने कहा कि ताइवान अपने सैन्य सुधार लाने की कोशिश करे ताकि चीन की तरफ से होने वाले किसी हमले को रोका जा सके। ताइवान अपने रक्षा खर्च पर अपनी जीडीपी का सिर्फ 1.2 फीसद ही खर्च करता है। ब्रायन ने कहा कि आप इस तरह से पिछले 70 साल से अपनी सैन्य क्षमता का विस्तार कर रहे चीन से मुकाबला करने की उम्मीद नहीं रख सकते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News