अब सुई भी लगाएगा रोबोट ! मशीन नस ढूंढेगी और लेगी जांच के लिए खून (Video)
punjabkesari.in Monday, Jul 14, 2025 - 02:53 PM (IST)

International Desk: अब तक अस्पतालों में खून की जांच कराने के लिए मरीजों को नर्सों और लैब टेक्नीशियनों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन चीन ने अब इस काम में भी इंसानों को मशीन से बदलना शुरू कर दिया है। चीन के हांगझोउ शहर के एक अस्पताल में ऐसा ही एक अनोखा ब्लड ड्रॉइंग रोबोट लगाया गया है, जो मरीज की नस को ढूंढकर सुई लगाता है और खून खींचता है वो भी बिना गलती के। इस रोबोट को Beijing Magicnurse नाम की एक चीनी मेडिकल टेक्नोलॉजी कंपनी ने डिजाइन और विकसित किया है। कंपनी का दावा है कि यह रोबोट खून निकालने में पारंपरिक नर्सों और टेक्नीशियनों से कहीं ज्यादा सटीक है। यह नस को ढूंढने के लिए एडवांस्ड सेंसर, हाई-रेजोल्यूशन इमेजिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल करता है।
पहली बार में सटीक हिट
मैजिकनर्स कंपनी के मुताबिक, यह रोबोट मरीज की नस को पहली बार में ही 94.3% मामलों में सही पकड़ लेता है । यानी यह मशीन नस को स्कैन करती है, वेन की सही पोजीशन तय करती है और फिर सुई को बिलकुल सही जगह पर पिनपॉइंट कर देती है। मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंसानी हाथों से नस चूकने की संभावना इससे कहीं ज्यादा होती है, खासकर बुजुर्ग, बच्चे या मोटापे से ग्रस्त मरीजों में।
कोई सवाल नहीं
यह रोबोट मरीज से कोई सवाल नहीं करता ‘डर तो नहीं लग रहा?’, ‘कैसा लग रहा?’ जैसी बातें भी नहीं। मरीज बस मशीन के सामने हाथ रखता है और रोबोट अपने सेंसर से नस ढूंढकर खून निकाल लेता है। पूरी प्रक्रिया ऑटोमैटिक और हाईजेनिक मानी जा रही है। चीन में हेल्थकेयर सिस्टम पर बढ़ते बोझ को देखते हुए ऐसे रोबोटिक सिस्टम अस्पतालों में स्टाफ की कमी को कम कर सकते हैं। साथ ही नस चूकने से होने वाली दर्दनाक गलतियों को भी रोका जा सकता है। माना जा रहा है कि भविष्य में यह तकनीक बड़े अस्पतालों से लेकर छोटे क्लिनिक तक पहुंच सकती है।
क्या भविष्य का हेल्थकेयर ?
टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स इसे ‘Healthcare 3000’ कह रहे हैं यानी आने वाले वक्त में इंसानी हेल्थकेयर में रोबोटिक सिस्टम और एआई का दखल और बढ़ेगा। जहां एक तरफ यह सुविधाजनक होगा, वहीं दूसरी तरफ इससे मेडिकल स्टाफ की नौकरी पर खतरा भी बढ़ सकता है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में इस तरह के रोबोटिक सिस्टम फिलहाल सीमित हैं। लेकिन चीन की यह पहल बताती है कि आने वाले समय में भारत में भी ई-हॉस्पिटल और एआई बेस्ड मशीनों से टेस्टिंग और ट्रीटमेंट आम बात हो सकती है।