पाकिस्तान के सबसे करीबी दोस्त को भारत ने लगाया गले! PAK को लगा ऐसा झटका कि कांप उठे शहबाज शरीफ
punjabkesari.in Monday, Jul 14, 2025 - 10:57 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत ने ऐसा कदम उठा लिया है जिसकी उम्मीद शायद पाकिस्तान ने सबसे बुरे सपने में भी नहीं की थी। जिस देश को पाकिस्तान दशकों से अपना सबसे करीबी और भरोसेमंद दोस्त मानता आया है, उसी देश के साथ अब भारत ने रिश्तों की गर्माहट बढ़ानी शुरू कर दी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर की चीन यात्रा ने इस्लामाबाद की नींद उड़ा दी है। शहबाज शरीफ के लिए ये सुबह एक बुरी खबर बनकर आई, जो उनके सीने पर सांप लोटने जैसी साबित हो रही है। सवाल ये है कि क्या भारत और चीन की बढ़ती नजदीकियां पाकिस्तान की रणनीति को झटका देने वाली हैं?
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर तीन दिवसीय दौरे पर चीन पहुंचे हैं। इस दौरे की शुरुआत उन्होंने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात के साथ की। ये दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत और चीन के रिश्तों में नई गर्माहट आने की उम्मीद की जा रही है। वहीं पाकिस्तान के लिए ये संकेत अच्छे नहीं माने जा रहे क्योंकि चीन उसका सबसे करीबी सहयोगी माना जाता है। जयशंकर की यह यात्रा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के बहाने हो रही है, लेकिन इसके गहरे राजनयिक मायने हैं। भारत और चीन दोनों अपने संबंधों को सुधारने की दिशा में आगे बढ़ते दिख रहे हैं।
चीन पहुंचे एस जयशंकर, हान झेंग से की मुलाकात
बीजिंग पहुंचते ही विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने चीन को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता के लिए भारत का समर्थन जताया। जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि इस मुलाकात से द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने पर ज़ोर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर चीन के सहयोग की भारत में काफी सराहना हुई है और इससे दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे।
Pleased to meet Vice President Han Zheng soon after my arrival in Beijing today.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 14, 2025
Conveyed India’s support for China’s SCO Presidency.
Noted the improvement in our bilateral ties. And expressed confidence that discussions during my visit will maintain that positive trajectory. pic.twitter.com/F8hXRHVyOE
गलवान के बाद पहला चीन दौरा, नई शुरुआत के संकेत
डॉ. जयशंकर की यह यात्रा इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई झड़प के बाद यह उनकी पहली चीन यात्रा है। उस समय दोनों देशों के संबंधों में भारी तनाव आ गया था। अब चार साल बाद जब जयशंकर बीजिंग पहुंचे हैं तो ये रिश्तों में बदलाव का संकेत माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच इस दौरान सीमा पर शांति बनाए रखने, व्यापार बढ़ाने, सांस्कृतिक सहयोग और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर बातचीत होगी।
एससीओ बैठक में हिस्सा लेंगे, नुरलान येरमेकबायेव से भी मुलाकात
एस जयशंकर तियानजिन में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन पहुंचे हैं। इस बैठक में सभी सदस्य देशों के विदेश मंत्री शामिल होंगे। इसके अलावा उन्होंने एससीओ के महासचिव नुरलान येरमेकबायेव से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। उन्होंने इस मुलाकात को लेकर खुशी जताई और कहा कि एससीओ के ज़रिए क्षेत्रीय स्थिरता और आपसी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
पाकिस्तान को क्यों लग सकता है झटका?
चीन और पाकिस्तान की दोस्ती जगजाहिर है। दोनों देशों ने हमेशा एक-दूसरे का समर्थन किया है। लेकिन अब जब भारत और चीन के रिश्ते सुधार की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं, तो यह पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय हो सकता है। भारत की यह कूटनीतिक चाल न सिर्फ चीन के साथ तनाव को कम कर सकती है बल्कि पाकिस्तान के रणनीतिक सपनों को भी झटका दे सकती है। पाकिस्तान लंबे समय से चीन को अपना 'ऑल वेदर फ्रेंड' बताता आया है, लेकिन अगर चीन भारत के साथ सहयोग बढ़ाता है तो इससे पाकिस्तान की कूटनीतिक स्थिति कमजोर हो सकती है।