चीन सरकार का फरमानः ईसाईयों को जीसस की फोटो और क्रॉस हटा कर जिनपिंग की फोटो लगाने के आदेश

punjabkesari.in Wednesday, Jul 22, 2020 - 05:48 PM (IST)

बीजिंगः चीन में मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ पूरी दुनिया में आवाज उठाई जा रही है। लेकिन मुसलमानों के बाद अब चीन में ईसाईयों का अस्तित्व भी खतरे में नजर आ रहा है। चीन की शी जिंनपिंग सरकार ने यहां ईसाइयों के लिए हिटलरी फऱमान जारी कर उन्हें घरों में लगी जीसस क्राइस्ट की फोटोग्राफ्स और क्रॉस फौरन हटा कर कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं की फोटो लगाने का आदेश दिया है। इसाईयों को खासतौर पर कम्युनिस्ट पार्टी के फाउंडर माओत्से और वर्तमान राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तस्वीरें लगाने को कहा गया है।

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बता देंं कि चीन में करीब 7 करोड़ ईसाई रहते हैं और कुछ दिन पहले देश के चार राज्यों में सैकड़ों चर्चों के बाहर लगे धार्मिक प्रतीक चिन्हों को हटाया जा चुका है। चीन की इस नई हरकत का खुलासा रेडियो फ्री एशिया की एक रिपोर्ट में किया गया है। इसके मुताबिक, हाल ही में अन्शुई, जियांग्सु, हेबई और झेजियांग में मौजूद चर्चों के बाहर लगे रिलीजियस सिम्बल्स यानी धार्मिक प्रतीक चिन्हों को या तो तोड़ दिया गया या फिर इन्हें हटा दिया गया था।

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हुआनान प्रांत में पिछले शनिवार और रविवार को काफी हंगामा हुआ था। शनिवार को यहां  शिवान क्राइस्ट चर्च के बाहर लगे बड़े क्रॉस को हटाने को कहा गया। इसके बाद जब लोगों ने इसका विरोध किया, लेकिन उनकी आवाज दबा दी गई। पुलिस और दूसरे सरकारी अमले ने क्रॉस को ढहा दिया। 7 जुलाई को झेजियांग में भी यही हुआ था। इसके लिए 100 से ज्यादा कर्मचारी लगाए गए थे।

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गौरतलब है कि पिछले साल जिनपिंग सरकार ने एक आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि देश में किसी भी तरह की धार्मिक किताबों का इस्तेमाल या उनका ट्रांसलेशन नहीं किया जा सकता। आदेश न मानने वालों को सजा की धमकी भी दी गई थी। चीन पर शिनजियांग प्रांत में लाखों मुस्लिमों को कैद करके रखने के आरोप लगते रहे हैं।


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Tanuja

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