चीन की धमकीः ताइवान पर हमले को तैयार सेना, जबरन कर लेंगे कब्जा

punjabkesari.in Sunday, May 31, 2020 - 12:26 PM (IST)

बीजिंगः दुनिया में कोरोना वायरस फैला कर मानवता को मुसीबत में डालने वाला चीन अब अपने गुनाहों पर पर्दा डालने के लिए नई साजिशें रच रहा है। दुनिया का ध्यान बंटाने के लिए चीन ने भारत के साथ लगती लद्दाख सीमा पर अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं वहीं, ताइवान पर सैन्य कार्रवाई की धमकियां भी दे रहा है। चीन की सेना के वरिष्ठ जनरल ली जुओचेंग ने Anti-Secession Law की 15वीं वर्षगांठ के अवसर पर कहा कि हमारी सेना ताइवान पर सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार है और जबरन इशपर कब्जा कर लेंगे। उन्होंने कहा कि सैन्य कार्रवाई के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है जिससे ताइवान को स्वतंत्र होने से रोका जा सकता है।

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बता दें कि चीन ताइवान को अपना अभिन्न अंग मानता है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी इसके लिए सेना के इस्तेमाल पर भी जोर देती आई है। ताइवान के पास अपनी खुद की सेना भी है जिसे अमेरिका का समर्थन भी प्राप्त है। हालांकि ताइवान में जबसे डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी सत्ता में आई है तबसे चीन के साथ संबंध खराब हुए हैं। जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश के रूप में देखता है। यह कानून ताइवान पर सैन्य कार्रवाई के लिए चीन को कानूनी आधार देता है। ज्वॉइंट स्टाफ डिपार्टमेंट के चीफ और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के मेंबर ली जुओचेंग ने ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में कहा कि अगर शांतिपूर्ण तरीके से ताइवान की चीन में विलय की संभावना खत्म हो जाती है तब सैन्य कार्रवाई ही अंतिम विकल्प है।

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इस काम में हमारा साथ ताइवान की जनता भी देगी। किसी भी अलगाववादी भावना के लिए चीन में कोई जगह नहीं है। 1949 में माओत्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी ने चियांग काई शेक के नेतृत्व वाले कॉमिंगतांग सरकार का तख्तापलट कर दिया था। जिसके बाद चियांग काई शेक ने ताइवान द्वीप में जाकर अपनी सरकार का गठन किया। उस समय कम्यूनिस्ट पार्टी के पास मजबूत नौसेना नहीं थी। इसलिए उन्होंने समुद्र पार कर इस द्वीप पर अधिकार नहीं किया। तब से ताइवान खुद को रिपब्लिक ऑफ चाइना मानता है।

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Tanuja

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