Canada New PM : ट्रूडो के जाते ही पेश की दावेदारी, कनाडा को मिल सकता है पहला हिन्दू पीएम
punjabkesari.in Friday, Jan 10, 2025 - 08:09 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क: कनाडा के भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने देश के प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी की घोषणा कर दी है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब लिबरल पार्टी ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के पद से इस्तीफे के बाद एक नए नेता को चुनने के लिए 9 मार्च की तारीख निर्धारित की है।
चंद्र आर्य, जो कि ओटावा के नेपियन क्षेत्र से सांसद हैं, ने अपनी दावेदारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर बृहस्पतिवार सुबह की। उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा, "मैं अपने देश के पुनर्निर्माण और भविष्य की पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक छोटी और अधिक कुशल सरकार का नेतृत्व करना चाहता हूं।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार में कैबिनेट सदस्यों का चयन योग्यता के आधार पर होगा, न कि विविधता, समानता और समावेश के कोटा के आधार पर।
भारत से कनाडा तक का सफर
चंद्र आर्य का जन्म कर्नाटक राज्य में हुआ था और उन्होंने 2015 में कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए चुनाव जीता था। भारतीय मूल के होने के नाते, उनके लिए यह एक बड़ी बात है कि वे कनाडा के प्रधानमंत्री पद की दौड़ में उतर रहे हैं। पिछले साल, उन्होंने भारत की यात्रा की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी। इस मुलाकात के दौरान, "ग्लोबल अफेयर्स कनाडा" ने यह स्पष्ट किया था कि आर्य कनाडा सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे थे, बल्कि उन्होंने खुद अपनी पहल से भारत की यात्रा की थी।
लिबरल पार्टी का नेतृत्व संकट
कनाडा में यह घटनाक्रम उस समय आया है जब जस्टिन ट्रूडो ने अपने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा की। ट्रूडो का यह फैसला देश की राजनीति में बदलाव के संकेत दे रहा है, क्योंकि लिबरल पार्टी अब नए नेता की तलाश में है। मार्च में होने वाली चुनाव प्रक्रिया के बाद, यह तय होगा कि कौन कनाडा की सबसे बड़ी पार्टी का नेतृत्व करेगा। आर्य की दावेदारी इस चुनावी प्रक्रिया के बीच में एक नया मोड़ ला सकती है, क्योंकि वे एक नई सोच और सरकार के दृष्टिकोण का समर्थन कर रहे हैं।
कनाडा में नेतृत्व परिवर्तन का समय
चंद्र आर्य की दावेदारी, विशेष रूप से उनके "छोटी और अधिक कुशल सरकार" के दृष्टिकोण के कारण, कनाडा में नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया को और दिलचस्प बना देती है। वे चाहते हैं कि सरकार का आकार छोटा हो, और कामकाजी सरकार का उद्देश्य जनता के हितों को पहले रखना हो। उनके इस दृष्टिकोण को देश के युवा वर्ग और कारोबारी समुदाय से भी समर्थन मिल सकता है, जो बेहतर प्रशासन और पारदर्शिता चाहते हैं।