ट्रूडो के इस्तीफे के बाद कनाडा की सियासत में उबाल, ये दो भारतवंशी संभाल सकते देश की कमान
punjabkesari.in Tuesday, Jan 07, 2025 - 01:33 PM (IST)
International Desk: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ( Justin Trudeau) ने इस्तीफा दे दिया है, जिससे देश में नए प्रधानमंत्री के लिए बहस और चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस दौड़ में कनाडा के प्रमुख नेताओं के साथ-साथ दो भारतवंशी नेता, अनीता आनंद (Anita Anand) और जॉर्ज चहल (George Chahal) भी प्रमुख दावेदारों के रूप में सामने आए हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में और अन्य संभावित दावेदारों के नाम।
अनीता आनंद: प्रधानमंत्री पद की रेस में सबसे आगे
अनीता आनंद, जो वर्तमान में कनाडा की परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री बनने के लिए सबसे मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं। अनीता 2019 में सांसद बनीं और ट्रूडो सरकार में रक्षा मंत्री के रूप में भी अहम जिम्मेदारी निभा चुकी हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन खरीद और यूक्रेन को सहायता भेजने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। अनीता का जन्म 1967 में नोवा स्कोटिया में भारतीय माता-पिता के घर हुआ था। उनकी मां पंजाब से और पिता तमिलनाडु से हैं। अनीता, जो एक कानून की प्रोफेसर भी रह चुकी हैं, एयर इंडिया कांड की जांच में भी शामिल रही हैं। अगर अनीता आनंद या जॉर्ज चहल में से कोई भी प्रधानमंत्री बनते हैं, तो इससे भारत-कनाडा संबंधों में मजबूती आने की संभावना है। अनीता आनंद पहले भी भारत से जुड़े कई मुद्दों पर सक्रिय रही हैं।
जॉर्ज चहल: भारतवंशी लिबरल सांसद भी रेस में शामिल
लिबरल पार्टी के सांसद जॉर्ज चहल भी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में हैं। हालांकि, कुछ सांसदों ने उन्हें अंतरिम नेता नियुक्त करने का सुझाव दिया है, जिससे यदि यह होता है, तो वे प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर हो सकते हैं। चहल, जो वकील और कैलगरी सिटी काउंसलर रहे हैं, सिख कॉकस के अध्यक्ष भी हैं और उन्होंने ट्रूडो से पार्टी चुनाव की मांग की थी।
अन्य दावेदारों के नाम
- क्रिस्टिया फ्रीलैंड : पूर्व वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री, जो ट्रूडो की करीबी सहयोगी मानी जाती हैं।
- डॉमिनिक लीब्लांक : कैबिनेट मंत्री, जिन्होंने मुश्किल समय में ट्रूडो का समर्थन किया।
- मार्क कार्नी : बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ कनाडा के पूर्व गवर्नर।
- क्रिस्टी क्लार्क : ब्रिटिश कोलंबिया की पूर्व प्रीमियर।
ट्रूडो के इस्तीफे की वजह
2015 में प्रधानमंत्री बने जस्टिन ट्रूडो ने हाल के वर्षों में बढ़ती महंगाई और आवास संकट के कारण अपनी लोकप्रियता में गिरावट देखी। उनकी सहयोगी पार्टी एनडीपी ने भी समर्थन वापस ले लिया था, और एक सर्वेक्षण में 73% कनाडाई नागरिकों ने ट्रूडो से इस्तीफे की मांग की थी। लिबरल पार्टी राष्ट्रपति से चुनाव कराने की अपील कर सकती है। अगर पार्टी जल्दी स्थायी प्रधानमंत्री नहीं चुन पाती, तो ट्रूडो ही अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व करते रह सकते हैं।