भारत से पंगा पड़ा भारीः कनाडा की राजनीति में मचा भूचाल, PM ट्रूडो आज दे सकते हैं इस्तीफा !
punjabkesari.in Monday, Jan 06, 2025 - 11:57 AM (IST)
International Desk: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रूडो ने अपनी कुर्सी छोड़ने का फैसला किया है, और इस्तीफा सोमवार (6 जनवरी) को आ सकता है।माना जा रहा है कि भारत से पंगा ट्रूडो को भारीपड़ रहा है और इसी कारण कनाडा की में राजनीति भूचाल मच गया है। यह इस्तीफा लिबरल पार्टी में बढ़ती असंतोष और उनकी नेतृत्व क्षमता पर उठते सवालों के कारण होने वाला है।
कनाडा में लिबरल पार्टी के भीतर असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है, और इसके कारण पार्टी के भीतर काफी विवाद उत्पन्न हो गए हैं।
सांसदों ने खुलकर ट्रूडो के खिलाफ आवाज उठाई
पार्टी के कई सांसद और पार्टी के सदस्य मानते हैं कि जस्टिन ट्रूडो का नेतृत्व अब पार्टी के लिए फायदेमंद नहीं है। पार्टी के भीतर उनकी नीतियों को लेकर विरोध और आलोचना बढ़ी है। इससे पहले, पार्टी के भीतर ट्रूडो के खिलाफ एक सिग्नेचर कैंपेन भी चला था। उनके नेतृत्व में पार्टी की स्थिति लगातार कमजोर हो रही है, और सांसद अब उनके इस्तीफे की मांग करने लगे हैं। लिबरल पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ने के साथ-साथ कई सांसदों ने खुलकर ट्रूडो के खिलाफ आवाज उठाई है। इसी बढ़ते दबाव और असंतोष को देखते हुए ट्रूडो ने इस्तीफे का निर्णय लिया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ट्रूडो की इस्तीफे की घोषणा से पहले, 8 जनवरी को लिबरल पार्टी के संसदीय दल की बैठक होनी है।
ट्रूडो की लोकप्रियता में लगातार गिरावट
जस्टिन ट्रूडो ने 2015 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद से लगातार चुनावों में लिबरल पार्टी को जीत दिलाई। 2019 और 2021 में भी उन्होंने पार्टी को जीत दिलाई थी। हालांकि, हाल के जनमत सर्वेक्षणों में ट्रूडो की लोकप्रियता में गिरावट आई है, और वह अब अपने मुख्य प्रतिद्वंदी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पॉइलीवर से 20 प्वाइंट पीछे चल रहे हैं। यह गिरावट उनकी राजनीतिक पकड़ और पार्टी के लिए खतरे का संकेत है। कनाडा के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारत विरोधी फैसलों के चलते जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ पार्टी के अंदर और बाहर बढ़ते असंतोष और उनके नेतृत्व में पार्टी की गिरती स्थिति को लेकर उनकी कुर्सी खतरे में है। कई सांसदों और पार्टी के सदस्यों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका नेतृत्व अब पार्टी को आगामी चुनावों में जीत दिलाने में सक्षम नहीं है।
कनाडा की राजनीति के लिए एक नया मोड़
इसके अलावा उनके खिलाफ कई सवाल उठाए जा रहे हैं। ट्रूडो से पूछा जा रहा है कि क्यों पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ता जा रहा है और पार्टी को जनता का विश्वास नहीं मिल रहा है। पार्टी में कई ऐसे सदस्य हैं जिन्होंने अब खुलकर ट्रूडो के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है, और उनकी बढ़ती आलोचना से दबाव और बढ़ गया है।
अगर जस्टिन ट्रूडो इस्तीफा देते हैं, तो यह लिबरल पार्टी के लिए एक नया मोड़ होगा। पार्टी को नए नेता की तलाश करनी होगी, जो पार्टी को पुनः संगठित कर सके और जनता का विश्वास हासिल कर सके। वहीं, कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पॉइलीवर के लिए यह एक बड़ा अवसर हो सकता है। उनकी बढ़ती लोकप्रियता और ट्रूडो के नेतृत्व में गिरावट के कारण, कंजर्वेटिव पार्टी को आगामी चुनावों में लाभ हो सकता है।
हालांकि, यह अभी साफ नहीं है कि ट्रूडो इस्तीफे के बाद इंटरिम प्रधानमंत्री के रूप में बने रहेंगे या नहीं। अगर लिबरल पार्टी जल्दी एक नया नेता नहीं चुन पाती, तो ट्रूडो को कुछ समय के लिए यह पद संभालना पड़ सकता है। कनाडा की राजनीति में जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा एक महत्वपूर्ण घटना हो सकती है। लिबरल पार्टी को अपनी खोई हुई लोकप्रियता और जनता का विश्वास फिर से हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। पार्टी के भीतर बढ़ती असंतोष और आलोचनाओं का सामना करते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि अगले कुछ हफ्तों में पार्टी अपनी रणनीति में किस तरह बदलाव करती है