क्या पाकिस्तान ईरान के पीठ में घोंप रहा छूरा, पाकिस्तानी सांसद के बयान से मचा बवाल
punjabkesari.in Saturday, Jun 21, 2025 - 07:53 PM (IST)

International Desk : पाकिस्तान ने ईरान के खिलाफ अपने एयरबेस और बंदरगाह अमेरिका को देने का विवादित समझौता किया है, जिससे वहां की नेशनल असेंबली में भारी हंगामा मच गया है। आरोप है कि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के बीच हुई बातचीत में पाकिस्तान ने अपने आर्मी बेस और पोर्ट को अमेरिका के ईरान विरोधी इस्तेमाल के लिए सौंपने पर सहमति जताई है। यह आरोप एक पाकिस्तानी सांसद ने लगाया है, जिसने इस मामले को संसद में उठाकर सियासी तूफान खड़ा कर दिया है।
पाकिस्तानी संसद में उठा मुद्दा
सांसद साहिबजादा हामिद रजा ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने अपने एयरबेस और बंदरगाह अमेरिका और इजरायल को ईरान के खिलाफ उपयोग करने के लिए दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की चर्चा पूरी अंतरराष्ट्रीय मीडिया में हो रही है।
सेना प्रमुख और सरकार को घेरा
हामिद रजा ने सीधे तौर पर सेना प्रमुख आसिम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे पाकिस्तान की संपत्तियों को अमेरिका-इजरायल के हवाले कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर देश के साथ कुछ गलत हुआ, तो वे मुशर्रफ की तरह देश छोड़कर भाग जाएंगे, क्योंकि उनके विदेशों में भी ठिकाने हैं।
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ईरान के प्रति धोखा
यह आरोप खासकर तब लगे हैं जब शहबाज शरीफ हाल ही में तेहरान जाकर ईरान के साथ दोस्ताना संबंधों को और मजबूत करने का वादा कर चुके हैं। उन्होंने ईरान को अपना भाई बताया था और संकट के समय साथ देने की बात कही थी। मगर अब पाकिस्तान अपने इस दोस्त की पीठ में छुरा भोंकने जैसा काम कर रहा है।
⚡ BIG: Pakistani senator admits Pakistan is handing over its bases to US to attack Iran:
— OSINT Updates (@OsintUpdates) June 21, 2025
"You (Gen Asim Munir & Pak govt) are handing over Pakistan's Airbases and Port to America and Israel against Iran.... You have flats and properties in foreign countries. God forbid if… pic.twitter.com/8aaXt1v8D3
मुस्लिम देशों से की अपील
सांसद हामिद रजा ने मुस्लिम देशों से अपील की है कि वे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत इजरायल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और इस मामले में अपनी एकजुटता दिखाएं। उनका यह बयान पाकिस्तान की सुरक्षा और कूटनीतिक नीतियों पर गहरे सवाल खड़े करता है।