‘भारत में स्वाइन फ्लू वायरस पहले से अधिक खतरनाक’

punjabkesari.in Thursday, Mar 12, 2015 - 09:58 PM (IST)

वाशिंगटन: स्वाइन फ्लू या इंफ्लुएजा ए (एच1एन1) वायरस भारत में इस समय पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक रूप धारण कर चुका है। स्वाइन फ्लू से अब तक 1,500 लोगों की मौत हो चुकी है और 27,000 लोग इससे संक्रमित हैं। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्रालॉजी (एमआईटी) से जुड़े भारतीय मूल के वैज्ञानिकों ने एक शोध के आधार पर यह दावा किया। शोध नतीजा विज्ञान पत्रिका ‘सेल होस्ट एवं माइक्रोब’ में प्रकाशित हुआ है, जिसमें भारतीय स्वास्थ्य विभाग की उस रपट का खंडन किया गया है, जिसके मुताबिक वर्ष 2009 में अस्तित्व में आए एच1एन1 का स्वरूप नहीं बदला है।

वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि एच1एन1 वायरस में बीते सालों में बदलाव हुए हैं और अब यह पहले की अपेक्षा काफी तेजी से फैल रहा है और इसलिए इस वायरस के बारे में और ज्यादा अध्ययन करने की आवश्यकता है। एमआईटी के राम शशिशेखरन ने कहा, ‘‘हम बड़ी मुश्किल और संकट की स्थिति मे हैं, जहां हमें खतरे के बारे में बहुत सीमित जानकारी है और कई भ्रांतियां हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप समय के साथ इस पर नजर रखते हैं, संगठित होते हैं और जानकारियां एकत्र करते हैं, तभी आप वायरस से लडऩे के लिए एक बेहतर रणनीति के साथ तैयार हो पाते हैं।’’
 
शशिशेखरन और एमआईटी के शोधकर्ता कानन तारकरमन ने 2009 में प्रकाश में आए एच1एन1 वायरस के आनुवांशिक कारकों का अध्ययन और तुलना की, जिसके शिकार 2009 से 2012 के बीच करीब 18,000 लोग हुए थे। शोधकर्ताओं ने पाया कि भारत में मौजूदा समय में फैल रहा एच1एन1 वायरस पहले से कहीं ज्यादा विकसित हो गया है, इसके हेमाग्लुटिनिन प्रोटीन में बदलाव देखा गया है, जिसने वायरस को पहले से ज्यादा उग्र बना दिया है।
 
शशिशेखरन ने कहा, ‘‘अभी नए एच1एन1 वायरस के बारे में और अधिक शोध करने और जानकारी जुटाने की आवश्यकता है।’’ नए वायरस के बारे में और अधिक शोध तथा जानकारी से लोक स्वास्थ्य अधिकारियों को इस बात का पता लगाने में मदद मिलेगी कि कौन सी दवा इस समय ज्यादा कारगर होगी। इससे अगली बार के लिए अधिक विकसित दवा पहले से तैयार करने में भी सहायता मिलेगी।

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