नेपाल के बाद अब इस देश में प्रदर्शन, सड़कों पर उतरे लाखों लोग... कई पुलिसकर्मी घायल

punjabkesari.in Sunday, Sep 14, 2025 - 06:17 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: शनिवार को ब्रिटेन की राजधानी लंदन में हाल के वर्षों का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। यह मार्च दक्षिणपंथी कार्यकर्ता टॉमी रॉबिन्सन के नेतृत्व में आयोजित 'यूनाइट द किंगडम' अभियान के तहत निकाला गया, जिसमें करीब 1,10,000 लोग शामिल हुए। इस विशाल मार्च के दौरान माहौल तब तनावपूर्ण हो गया जब रॉबिन्सन के समर्थकों के एक छोटे समूह की पुलिस से झड़प हो गई। पुलिस अधिकारियों पर बोतलें फेंकी गईं, लात-घूंसे मारे गए और कई को चोटें आई।

पुलिस पर हमला, सुरक्षा बल तैनात

मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों की हिंसक हरकतों के चलते मौके पर 1,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। बाद में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हेलमेट और दंगारोधी ढालों से लैस अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा। पुलिस ने अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है और कहा है कि कई अन्य की पहचान कर ली गई है। जल्द ही उन्हें भी कानून के दायरे में लाया जाएगा।

‘स्टैंड अप टू रेसिज़्म’ की शांतिपूर्ण प्रतिक्रिया

जहां एक ओर टॉमी रॉबिन्सन का यह प्रदर्शन उग्र रूप लेता दिखा, वहीं पास ही में ‘स्टैंड अप टू रेसिज़्म’ नामक संगठन द्वारा एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किया गया था। इस विरोध मार्च को ‘मार्च अगेंस्ट फासीज़्म’ नाम दिया गया था, जिसमें लगभग 5,000 लोग शामिल हुए।

पुलिस ने दोनों समूहों को अलग रखने के लिए खास प्रबंध किए थे ताकि किसी प्रकार की सीधी भिड़ंत न हो।

क्यों हुआ प्रदर्शन?

टॉमी रॉबिन्सन ब्रिटेन में इमिग्रेशन विरोधी और दक्षिणपंथी राजनीति का प्रमुख चेहरा माने जाते हैं। उनके समर्थकों का आरोप है कि ब्रिटेन की सरकार की इमिग्रेशन नीतियां देश के लिए नुकसानदायक हैं। हालांकि, उनके विचारों का एक बड़ा वर्ग विरोध करता है और उन्हें विभाजनकारी और नस्लभेदी राजनीति का प्रतीक मानता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Parveen Kumar

Related News