Review: पूर्वोत्तर राज्यों की समस्या और यहां पनपे उग्रवाद की कहानी है ‘अनेक’

punjabkesari.in Friday, May 27, 2022 - 10:24 AM (IST)

फिल्म : अनेक (Anek)
निर्देशक : अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha)
कलाकार : आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana), एंड्रिया केवीचुसा (Andrea Kevichusa), लोइतोंगबम डोरेन्द्र सिंह, कुमुद मिश्रा (Kumud Mishra), मनोज पाहवा (Manoj Pahva)
रेटिंग : 4/5

Anek Review: हम भारतीय होकर भी अनेक रूपों में नजर आते हैं। जैसे की नॉर्थ इंडियन, साउथ इंडियन वगैरह-वगैरह। इसी मुद्दे पर निर्देशक अनुभव सिन्हा ने 'अनेक' फिल्म बनाई है। अंडर कवर ऑफिसर के किरदार को आयुष्मान खुराना ने बखूबी निभाया है। कुल मिलाकर यह फिल्म देखने लायक है। फिल्म में मुख्य रूप से पूर्वोत्तर राज्यों की समस्या और यहां पनपे उग्रवाद को दिखाया गया है। आयुष्मान के साथ इस फिल्म में एंड्रिया नॉर्थ ईस्ट को रिप्रंजेंट कर रहीं हैं।

नेशनल अवॉर्ड विनिंग अभिनेता आयुष्मान खुराना उन चुनिंदा अभिनेताओं में से हैं, जो लीक से हटकर विषयों पर फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं। वहीं इसके कई डायलॉग्स फिल्म रिलीज से पहले ही फेमस हो गए हैं। इंडस्ट्री को कई बेहतरीन फिल्में देने वाले डायरेक्टर अनुभव सिन्हा की यह फिल्म मुख्य रूप से पूर्वोत्तर राज्यों की समस्या और यहां पनपे उग्रवाद पर आधारित है। 

कहानी

आयुष्मान खुराना एक अंडर कवर ऑफिसर अमन का किरदार निभा रहे हैं, जो नॉर्थ ईस्ट में जोशुआ के रूप में काम करते हैं। जोशुआ नॉर्थ ईस्ट इंडिया के अलगाववादी संगठन और उनकी हरकतों पर नजर रखता है। वह सबसे बड़े संगठन के लीडर टाइगर सांगा के साथ एक शांति वार्ता की तैयारी कर रहे है।

दूसरी तरफ एक एडो (एंड्रिया केवीचुसा) नाम की लड़की है, जो बॉक्सिंग में भारतीय टीम के लिए खेलना चाहती है, एडो सोचती है कि अगर वो अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए खेलेगी तो वो सभी तक अपनी बात आसानी से पहुंचा पाएगी। लेकिन एडो के घर में ही उसका पिता वांगनाओ सरकार के खिलाफ है। सभी अपने तरीके से लड़ाई लड़ रहे हैं, देखना ये है कि ऐसे में जीत किसकी होती है।

एक्टिंग 

आयुष्मान खुराना इस फिल्म में अमन के किरदार के लिए परफेक्ट साबित हुए हैं। हमेशा की तरह उन्होंने इस बार भी अपने किरदार को बसूबी निभाया है। वहीं नागालैंड की एक्ट्रेस एंड्रिया केवीचुसा का काम काबिलेतारीफ है। इनके अलावा एक्टर मनोज पाहवा, कुमुद मिश्रा और Mipham Otsa ने भी अच्छा काम किया है। 

डायरेक्शन

फिल्म की कहानी में वास्तविकता दिखाने के लिए नॉर्थ कम्यूनिटी के कलाकारों को लिया गया है। यह सोने पर सुहागा जैसा है क्योंकि जिसकी कहानी उसी की जुबानी अच्छी लगती है, नहीं तो रिप्रंजेंटेशन सही नहीं होता। इस फिल्म में 70 पर्सेंट कास्ट नॉर्थ ईस्ट की है। रही बात संगीत की तो अनुराग सैकिया का म्यूजिक फिल्म की थीम के साथ फिट है। फिल्म में दिखाई गई लोकेशंस बहुत अच्छी हैं। वहीं सिनेमेटोग्राफी भी काफी बहतर है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyotsna Rawat

Recommended News

Related News