रणछोड़ मन्दिर: खास तिथि को दर्शन करने से पूरी होती हैं मुरादें

punjabkesari.in Friday, Sep 11, 2015 - 04:09 PM (IST)

भगवान् श्रीकृष्ण के कई नाम हैं, उसमें से एक नाम है रणछोड़ जी अर्थात् जिसने युद्ध में मैदान छोड़ दिया। गुजरात के डाकोर स्थित मंदिर में रणछोड़ जी पश्चिममुखी होकर विराजमान है। एक किले की दीवार से घिरा मुख्य मंदिर डाकोर के मुख्य बाजार के बीच पवित्र झील गोमती के तट के पास स्थित है। मन्दिर का मुख्य गुम्बद 27 मीटर ऊंचा है। 

मन्दिर के मुख्य गुम्बद के साथ-साथ मन्दिर के आठों गुम्बदों को स्वर्ण से ढंका गया है। इसकी एक विशेष बात है कि इस मंदिर में मुख्य गुम्बद के ऊपर सफेद रंग की ध्वजा फहराई जाती है। इस मंदिर की ऊंचाई डाकोर जिले में सबसे ज़्यादा है। मंदिर में नक्काशी तो ज़्यादा नहीं है, किन्तु वास्तुकला में महाराष्ट्रीयन शैली का प्रभाव जरुर है, क्योंकि इस मंदिर को पूना के पेशवा ने बनवाया था।

डाकोर को तीर्थस्थान के रुप में विकास के लिए गुजरात सरकार द्वारा यात्रा धाम विकास बोर्ड के तहत 6 प्रमुख तीर्थ स्थानों में से एक में शामिल किया गया है। यहां हर वर्ष 70 से 80 लाख तीर्थ यात्री आते हैं, जिसकी निरन्तर वृद्धि हर वर्ष हो रही है।

डाकोर में नवरात्रि के बाद आने वाली शरद पूर्णिमा को बोडाना के रुप में जाना जाता है। जब अपने महान् भक्त के साथ रणछोड़ाई के रुप में भगवान् कृष्ण डोकार के लिए आते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भक्त यहां दर्शन करने आता है, उसकी मुराद अवश्य पूरी होती है।

मन्दिर के प्रति भक्तों की इतना आस्था और प्रसिद्धि का मुख्य कारण है मन्दिर की उत्तर दिशा स्थित विशाल आकार की पवित्र गोमती झील। वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा स्थित ऐसी निचाई जहां पानी हो वह स्थान प्रसिद्धि प्राप्त करता ही है। डाकोर स्थित रणछोड़ जी का यह मन्दिर वास्तु के इस सिद्धान्त का अनुपम उदाहरण है।

- वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा 

thenebula2001@yahoo.co.in


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