Ramayana Tour In Sri Lanka: रामायण काल के स्थलों के दर्शन के लिए श्रीलंका जाएगी यात्रा

punjabkesari.in Sunday, May 05, 2024 - 08:56 AM (IST)

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श्रीलंका में स्थित रामायण कालीन ऐतिहासिक स्थानों के संरक्षण संवर्धन हेतु निरंतर 2008 से अजय भाई के नेतृत्व में श्रीलंका रामायण दर्शन यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस बार यह यात्रा 26 मई 2024 से प्रारंभ होगी। अजय भाई ने बताया कि आज भी श्रीलंका में रामायण कालीन ऐतिहासिक स्थान हैं, जिनमें विभीषण टेंपल, कलानिया जहां विभीषण का राज्याभिषेक हुआ था, सीता जी द्वारा स्थापित विश्व का एकमात्र मुनेश्वर शिव लिंग, राम वोडा मंदिर जहां हनुमान जी का श्रीलंका में अवतरण हुआ था आदि प्रमुख हैं। यात्रा इन स्थलों पर विशेष रूप से जाएगी। विश्व प्रसिद्ध अशोक वाटिका जहां  हनुमान जी ने माता सीता जी से भेंट की थी और मां सीता ने उन्हें आशीर्वाद दिया था। वहां के दर्शन किए जाएंगे। अशोक वाटिका से कुछ ही दूरी पर  मेघनाथ द्वारा पूजित लंका अधिश्वर टेंपल है, जिसे आज गायत्री पीठ के रूप में जाना जाता है, यात्रा इस स्थल पर भी जाएगी। 

इसके अतिरिक्त 50 से ज्यादा स्थान श्रीलंका में रामायण काल के हैं जिनकी खोज की जा रही है। आज पुरुषोत्तम मर्यादा भगवान श्री राम व माता सीता से संबंधित यह तीर्थ स्थल, धरोहर निरंतर विकास की ओर अग्रसर हैं और अंतरराष्ट्रीय स्थान बन चुके हैं। यात्रा आयोजक अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव समिति  के अध्यक्ष वेद टंडन ने बताया कि श्रीलंका की यह यात्रा सनातन संस्कृति व भगवान श्रीराम को जानने की यात्रा है। विगत वर्षों से श्रीलंका में सीता नवमी महोत्सव का भी अयोजन किया जा रहा जिसके अन्तर्गत अशोक वाटिका में सुंदरकांड का पाठ किया जाता है। इस यात्रा में श्रीलंका सरकार के अनेक मंत्री भाग लेते हैं व कोलंबो में विशेष रामलीला का भी आयोजन किया जाता है। 

भविष्य में अंतरराष्ट्रीय रामलीला महोत्सव समिति विदेश में भी इसी प्रकार के सांस्कृतिक कार्य करेगी। यात्रा प्रमुख संजय राणा ने बताया यात्रा में भारत के अनेक शोधार्थी तथा गणमान्य व्यक्ति भाग ले रहे हैं। यात्रा 26 मई 2024 से प्रारंभ होकर 1 जून 2024 को समाप्त होगी। भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि वास्तव में श्रीलंका यात्रा भारत की संस्कृति को विश्व में भर में जागृत करने की यात्रा है।


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Content Writer

Niyati Bhandari

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