योगेश्वर रामलाल जी महाराज जिन्होंने योग को पुन: स्थापित किया

punjabkesari.in Saturday, Mar 24, 2018 - 11:58 AM (IST)

आज योग का सर्वत्र प्रचार हो रहा है। योग भारत वर्ष के लिए कोई नया नहीं है अपितु हमारी संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। कहते हैं महाभारत काल में जब लोग योग विहीन हो रहे थे, तब भगवान कृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से समूचे विश्व को योग का उपदेश दिया था जो गीता के अठारह अध्यायों में संकलित है। ठीक इसी प्रकार इस कलिकाल में, विशेषत: गुलामी के चलते, योग का नाम जब लुप्त हो गया था तब योगेश्वर राम लाल जी ने योग विद्या की परम्परा को पुनर्जीवित किया और इसे सरल एवं सुगम ढंग से जनमानस तक पहुंचाया।

18 अप्रैल ई. 1988 में चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन पंजाब के अमृतसर में कूचा भाई संत सिंह में जन्मे स्वामी राम लाल जी महाराज ने योग की लौ को पूरे भारत वर्ष में घर-घर पहुंचाया। उन्होंने पूरे भारत वर्ष में अनेकानेक योग केंद्र अथवा आश्रम स्थापित किए जहां आज भी योग की शिक्षा हर वर्ग, हर जाति को बिना भेदभाव के समर्पण भाव से दी जाती है।

योगेश्वर राम लाल जी महाराज का जन्मोत्सव पूरे भारत में चैत्र मास की राम नवमी को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस आशय से योग साधन आश्रम गोल बाग अमृतसर में 24 व 25 मार्च 2018 को 131वां जन्मोत्सव स्वामी गुरबख्श राय जी महाराज, प्रधानाचार्य एवं प्रमुख ट्रस्टी, योग साधन आश्रम के सान्निध्य में मनाया जा रहा है जिसमें संकीर्तन एवं सदुपदेश होगा एवं 1 बजे दोपहर शोभा यात्रा का शुभारंभ होगा।


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