Ram Shaiya: राम शैया का चमत्कार, जानें उस चट्टान की कहानी जहां राम जी ने किया था विश्राम

punjabkesari.in Saturday, Jun 07, 2025 - 07:56 AM (IST)

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Ram Shayya: भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने रामायण के समय 14 साल का वनवास बिताया था। इस दौरान वे कई जंगलों में भटकते रहे लेकिन सबसे अधिक समय उन्होंने चित्रकूट में गुजारा। वास्तव में, वनवास के कुल 14 वर्षों में से लगभग 11 साल वे इसी चित्रकूट की भूमि पर रहे। यह जगह न सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां श्रीराम की मौजूदगी का एक जीवंत प्रमाण भी मिलता है। ऐसा ही एक प्रमाण है राम शैय्या। चित्रकूट, जो मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा पर स्थित है, से लगभग 10 किलोमीटर दूर एक बड़ी चट्टान है, जिसे राम शैय्या कहा जाता है। इस चट्टान को देखने के बाद श्रद्धालु गहरी श्रद्धा और भक्ति से भर उठते हैं। यहां अब भी भगवान राम और माता सीता के विश्राम के निशान स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। चट्टान पर बने इन निशानों की लंबाई देखकर भक्त अनुमान लगा सकते हैं कि भगवान राम की कद-काठी कैसी रही होगी। इन पदचिन्हों के माध्यम से भक्त उस प्राचीन युग की अनुभूति कर पाते हैं।

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अभी भी दिखाई देते हैं चट्टान पर धनुष के चिन्ह

आज भी इस चट्टान पर मां सीता और श्री राम के धनुष के निशान पाए जाते हैं। यह खास जगह खोही-भरतकूप मार्ग पर है और कामदगिरि पहाड़ के पास ही स्थित है। यहां की स्थानीय जनता और पुजारीगण गहरी आस्था रखते हैं। मंदिर के पुजारी इसे धर्म का सजीव प्रमाण मानते हैं और बताते हैं कि भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण यहां रात में विश्राम करते थे। आज भी इस चट्टान पर वे विश्राम के निशान पूरी तरह सुरक्षित हैं। यही वजह है कि देश के कोने-कोने से भक्तजन यहां दर्शन के लिए आते हैं।

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मान्यताओं के अनुसार इस चट्टान को देखने मात्र से ही व्यक्ति को राम लोक की प्राप्ति होती है। चित्रकूट में स्थित यह स्थान आस्था और भक्ति का भी जीवंत प्रतीक है। चित्रकूट की यह भूमि हर राम भक्त को अपनी ओर खींचती है। जब भक्तगण इस चट्टान पर राम शैय्या के निशान देखते हैं, तो उन्हें एक अद्भुत और दिव्य अनुभव होता है, जो उनकी आस्था को और मजबूत कर देता है। 

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Content Editor

Prachi Sharma

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