यमुना जी के इस मंत्र को जपने से मिलेगी श्री कृष्ण कृपा

punjabkesari.in Sunday, Dec 15, 2019 - 05:24 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
यमराज, इनका नाम सुनते ही हर किसी के मन में एक डर बैठ जाता है। क्योंकि मृत्यु के बाद होने वाले लेखा-जोखा इनके पास ही होता है। कहने का भाव है कि ये एक ऐसे देव हैं जिन्हें खतरनाक माना जाता है। परंतु क्या आप जानते हैं एक ऐसी देवी हैं जिनकी आराधना से यमयातना से छुटकारा मिल सकता है। जी हां, धार्मिक शास्त्रों के अनुसार यमुना जी का मंत्र जाप करने से तथा इनकी विधि-वत पूजा करने से इनकी तो कृपा मिलती है साथ ही श्री कृष्ण जी पर प्रसन्न हो जाते हैं।
PunjabKesari, श्री कृष्ण, Sri krishan, Lord Krishanशास्त्रों के अनुसार यमुना जी अलौकिक निधि भगवान श्रीकृष्ण की प्राप्ति कराने वाली हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो वैष्णव अष्टप्रहर यमुना जी के नामों का उच्चारण करता है उसे वह भगवान की निकुंज लीला में प्रवेश करवा देती हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री राधा कृष्ण यमुना जी के तट पर ही रास विहार करते हैं। प्राचीन समय में यहां होने वाली रास लीला में केवल गोपियों को प्रवेश करने की इज़ाजत थी। किंतु अगर आज के समय में इस अलौकिक फल को प्राप्त करना हो तो कृष्ण प्रिया श्री यमुना को प्रसन्न कर ये फल प्राप्त किया जा सकता है। ग्रंथों में वर्णन मिलता है कि भगवान श्री कृष्ण की रासलीला में प्रवेश और उसका दर्शन यही पुष्टि भक्ति का फल है जिसकी प्राप्ति यमुना जी की कृपा से सहज ही हो जाती है। यहां जानें इन्हें खुश करने हेतु इनके कौन से ध्यान मंत्र का जाप करना चाहिए-

यमुना जी का ध्यान
ॐ श्यामामम्भोजनेत्रां सघनघनरुचिं रत्नमंजीरकूजत्
कांचीकेयूरयुक्तां कनकमणिमये बिभ्रतीं कुण्डले द्वे ।
भ्राजच्छ्रीनीलवस्तां स्फुरदमलचलद्धारभारां मनोज्ञां
ध्यायेन्मार्तण्डपुत्रीं तनुकिरणचयोद्दीप्तदीपाभिरामाम् ।।
PunjabKesari, Yumuna ji, यमुना जी
अर्थात- श्याम वर्ण की और सोलह वर्ष की अवस्था वाली मां यमुना, जिनके नेत्र खिले हुए कमल की शोभा को छीन लेते हैं, मेघ के समान जिनकी नील कांति है, जो रत्नों से बने और बजते हुए नूपुर और झनकारती हुई करधनी व केयूर आदि आभूषण पहने हैं, जिनके कानों में सोने और मणियों के कुण्डल हैं, चमकती हुई नीली साड़ी पर गजामुक्ता के हार पहने बहुत सुंदर दिखाई देती हैं, जिनके शरीर की आभा जलती हुई दीपमाला के समान है, उन सूर्यनन्दिनी यमुनाजी का मैं ध्यान करता हूं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jyoti

Related News