World Culture Festival 2023: वाशिंगटन में शुरू हुआ विश्व संस्कृति महोत्सव

punjabkesari.in Sunday, Oct 01, 2023 - 08:29 AM (IST)

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बेंगलुरु (स.ह.): वाशिंगटन में आर्ट ऑफ लिविंग का ‘विश्व संस्कृति महोत्सव 2023’ शनिवार को धूमधाम से शुरू हो गया। इस महोत्स्व में विश्वभर के 180 देशों के लगभग 10 लाख लोग हिस्सा ले रहे हैं। महोत्सव में ग्रैमी पुरस्कार विजेताओं और अन्य प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा मनमोहक संगीत तथा रंगारंग नृत्य प्रस्तुतियां की गईं। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। 

ग्रैमी पुरस्कार विजेता चंद्रिका टंडन तथा 200 साथी कलाकारों द्वारा ‘अमेरिका द ब्यूटीफुल’ और ‘वंदे मातरम’ की भव्य प्रस्तुति,  ‘पंचभूतम’, 1000 कलाकारों द्वारा भारतीय शास्त्रीय नृत्य और अनूठी शास्त्रीय सिम्फनी, ग्रैमी पुरस्कार विजेता मिकी फ्री के नेतृत्व में 1000 वैश्विक गिटार कलाकारों का शानदार गिटार वादन और अफ्रीका, जापान और मध्य पूर्व के पारंपरिक नृत्य जैसे मनमोहक प्रदर्शनों ने सभी को रोमांचित कर दिया। 

महोत्सव के पहले दिन महामहिम बान की मून, संयुक्त राष्ट्र के 8वें महासचिव, डी.सी. मेयर म्यूरियल बोसेर, मिशिगन कांग्रेसी थानेदार, हकुबुन शिमोमुरा सांसद जापान; संयुक्त राष्ट्र के पूर्व उप महासचिव और यू.एन.ई.पी. के कार्यकारी निदेशक, साथ ही नॉर्वे के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री एरिक सोल्हेम जैसे अन्य वैश्विक गण्यमान्य उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में एस. जयशंकर ने कहा, ‘‘हम सभी समृद्धि का विस्तार करने और अपने ग्रह के भविष्य को सुरक्षित करने का प्रयास करते हैं, यह स्वाभाविक है कि हम प्रकृति पर अत्याचार जैसी चुनौतियों का सामना भी कर रहे हैं। चाहे वह प्राकृतिक आपदाएं हों, मानव निर्मित आपदाएं हों, संघर्ष हों, या व्यवधान हों, यह महत्वपूर्ण है कि एक अन्योन्याश्रित विश्व में, हम हमेशा एक-दूसरे के लिए मौजूद रहें।’’

उन्होंने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग इस विषय में एक प्रेरणादायक उदाहरण रहा है और मैंने व्यक्तिगत रूप से हाल ही में आपके द्वारा यूक्रेन संघर्ष में किए गए परिवर्तनकारी कार्य को देखा है। आज उनका संदेश, आपका संदेश और हमारा संदेश, देखभाल और साझा करने भी भावना, उदारता, समझदारी और सहयोग की सद्भावना का होना चाहिए। यही वह बात है जो हम सभी को यहां एक साथ लेकर आई है।

आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि यह हमारी विविधता का समारोह मनाने का एक सुंदर अवसर है। हमारा ग्रह इतना विविधतापूर्ण है, फिर भी एकता, हमारे मानवीय मूल्यों में अंतर्हित है। आइए आज इस अवसर पर हम समाज में और अधिक आनंद लाने के लिए प्रतिबद्ध हों। आइए सबके चेहरे पर मुस्कान लाएं। 

यही मानवता है। हम सब इसी से बने हैं। कोई भी उत्सव तब तक गहराई नहीं प्राप्त कर पाता जब तक उसे ज्ञान का समर्थन न मिले और वह ज्ञान हम सभी के भीतर है। बुद्धिमत्ता यह पहचानने में है कि हम सभी अद्वितीय हैं और हम सभी एक हैं।
 


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Content Writer

Niyati Bhandari

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