श्रावण मास में त्रिपुंड लगाने का क्या है महत्व ?

punjabkesari.in Thursday, Jul 29, 2021 - 01:11 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जैसे ही सावन मास का आरंभ होता है पूरे देश में भगवान शंकर की आराधना प्रारंभ हो जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर को श्रावण मास अति प्रिय है जिस कारण इससे मास में भोलेनाथ के भक्त उन्हें प्रसन्न करने में जुटे रहते हैं। तो वहीं इस दौरान लोग कई तरह के उपाय आदि भी करते हैं ताकि उन पर भगवान शंकर की कृपा बनी रहे। आज हम आपको एक ऐसे ही उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे श्रावण मास में करने वाला व्यक्ति भगवान शंकर का आशीर्वाद पाता है। ज्योतिष धार्मिक शास्त्रों में  चिटफंड का अधिक महत्व बताया गया है। परंतु त्रिपुंड क्या है, इसे लगाने से किस तरह के लाभ प्राप्त होते हैं इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं तो चलिए आपको बताते हैं त्रिपुंड का महत्व साथी साथी से लगाने के फायदे।

दरअसल माथे पर अर्थात ललाट पर भस्म या चंदन का तिलक लगाने को त्रिपुंड कहते हैं मगर इसे लगाने का तरीका व लाभ बहुत कम लोग जानते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माथे पर भस्म या चंदन से बनाई जाने वाली तीन रेखाओं को ही त्रिपुंड कहा जाता है। इन तीन दिखाओ को मध्यमा,अनामिका व अंगूठे से बनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि सावन में त्रिपुंड लगाने से व्यक्ति का मस्तिष्क हमेशा शीतल रहता है।

तो वहीं यह भी माना जाता है कि माथे पर लगाई जाने वाली त्रिपुंड की इन तीन दिखाओ में 9-9 देवताओं का वास होता है। इसकी प्रथम देखा में 9 देवता आकार, धर्म, रजोगुण, गार्हपत्य अग्नि, पृथ्वी, ऋग्वेद, क्रियाशक्ति, प्रातः स्वन व महादेव वास करते हैं। इसकी दूसरी रेखा में 9 देवता ऊंकार, दक्षिणाग्नि, मध्यंदिनसवन, इच्छाशक्ति, आकाश, सत्यगुण, यजुर्वेद, अंतरात्मा और महेश्वर जी का वास होता है। आखिरी देखा की बात करें तो उसमें इन 9 देवता मकार, आहवनीय अग्नि, परमात्मा,तमेगुण, द्युलोक, ज्ञान शक्ति, सामवेद, तृतीय सवन व भगवान शंकर वास करते हैं।

कहा जाता है कि सावन में त्रिपुंड लगाने से भगवान शंकर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि इसे लगाने से मन में किसी प्रकार के बुरे विचार नहीं पनपते। जो व्यक्ति से धारण करता है उसके अंदर की नकारात्मक ऊर्जा का पूरी तरह से नाश हो जाता है व सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। इसे लगाने से मन शांत रहता है तथा भगवान में ध्यान रखता है। इसे लगाने वाला व्यक्ति अपनी सभी तरह की मनोकामना को पूर्ण प्राप्त करता है।

 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News