आइए करें वृंदावन के ऐसे अद्भुत मंदिर के दर्शन, जहां श्री राम बन गए थे श्री कृष्ण

punjabkesari.in Tuesday, Aug 16, 2022 - 12:18 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
श्री कृष्ण नगरी वृंदावन की अनेकानेक पौराणिक कथाएं आपने पढ़ी- सुनी होंगी, लेकिन इससे जुड़ी एक कथा ऐसी भी प्रचलित है जो अद्भुत मानी जाती है। बताया जात है इस कथा के अनुसार महाकवि गोस्वामी तुलसीदास ने भगवान श्री कृष्ण को अपनी भक्ति भाव से भगवान राम के रूप में दर्शन देने को बाध्य किया था। वृंदावन का करीब 450 साल पुराना मंदिर श्रद्धालुओं में कौतूहल भरी भक्ति भरने वाला है, जहां तुलसीदास के लिए श्री राम बने गये थे श्री कृष्ण। मंदिर के मुख्य पुजारी गौर गोपाल मिश्र ने ‘यूनीवार्ता' के साथ विशेष साक्षात्कार में कहा कि चारों तरफ राधे-राधे की ध्वनि से गुंजायमान वृदांवन में हर रोज हजारों तीर्थयात्री बांके बिहारी और अन्य मंदिरों में श्रीकृष्ण तथा अन्य देवताओं के दर्शन के लिए आते हैं लेकिन जानकारी नहीं होने के कारण वे एक अति प्राचीन मंदिर के दर्शन से वंचित रह जाते हैं, जहां श्री कृष्ण ने तुलसीदास के लिए मुरली मुकुट छोड़कर धारण कर लिया था धनुष बाण और बन गए थे श्री राम। 
PunjabKesari Vrindavan ram Darshan Sthal, Janmashtami Special, Janmashtami 2022, Janmashtami Vrindavan, Vrindavan Sri Krishan Temple, Sri Krishan mandir, Ram Darshan Sthal Vrindavan, Dharmik Sthal, Religious Place, Dharm, Punjab Kesari
पुरानी शिल्पकला और अलौकिक वातावरण से ओत-प्रोत यह मंदिर ज्ञान गुदड़ी क्षेत्र में स्थित है। श्री मिश्र ने कहा, "यह मंदिर वास्तव में चमत्कारी है, जहां महाकवि गोस्वामी तुलसीदास के प्रेमपाश ने भगवान श्री कृष्ण को उनके इष्ट धनुर्धर श्री राम के रूप में दर्शन देने के लिए बाध्य कर दिया था। यह मंदिर परिसर तुलसीदास और भक्तमाल के रचयिता संत शिरोमणि नाभा जी की मिलन स्थली भी है। तुलसीदास जी और नाभा जी कोरी कल्पना तो हैं नहीं! दोनों घटनाओं की जानकारी मुंबई के ‘खेमराज श्रीकृष्णदास श्री वेंकटश्वर' प्रेस से प्रकाशित रामचरित मानस में मिलती है और उसमें चौपाई के माध्यम से इनके बारे में चर्चा की गयी है।'' 

श्री मिश्र ने कहा, "गोस्वामी तुलसीदास ब्रज की यात्रा करते हुए वृंदावन आए थे। यहां सर्वत्र ‘राधे-राधे' की रट सुनकर उन्हें लगा कि यहां के लोगों में भगवान राम के प्रति उतनी भक्ति नहीं है।

इस पर उनके मुख से दोहा निकला ‘राधा-राधा रटत हैं, आम ढाक अरु कैर। तुलसी या ब्रज भूमि में कहा, राम सौं बैर'। इसके बाद वह ज्ञान गुदड़ी स्थित श्रीकृष्ण मंदिर पहुंचे और भगवान कृष्ण के श्रीविग्रह के सम्मुख नतमस्तक हुए। मान्यता है कि श्रीकृष्ण ने भक्त की इच्छा के अनुरूप धनुष-बाण धारण करके भगवान श्री राम के रूप में दर्शन दिए।'' 
PunjabKesari Vrindavan ram Darshan Sthal, Janmashtami Special, Janmashtami 2022, Janmashtami Vrindavan, Vrindavan Sri Krishan Temple, Sri Krishan mandir, Ram Darshan Sthal Vrindavan, Dharmik Sthal, Religious Place, Dharm, Punjab Kesari

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें
PunjabKesari
उन्होंने कहा, ‘‘धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब तुलसीदास यहां आए थे, तब भगवान श्री कृष्ण का ही मंदिर था। श्री कृष्ण ने भगवान श्रीराम के रूप में तुलसीदास को दर्शन दिए, तब यह स्थल तुलसी रामदर्शन स्थल के नाम से जाना जाने लगा। यहां भगवान कृष्ण, राधारानी के साथ विराजमान हैं और पीछे धनुष बाण लिए भगवान राम की मूर्ति शोभायमान है।''
PunjabKesari Vrindavan ram Darshan Sthal, Janmashtami Special, Janmashtami 2022, Janmashtami Vrindavan, Vrindavan Sri Krishan Temple, Sri Krishan mandir, Ram Darshan Sthal Vrindavan, Dharmik Sthal, Religious Place, Dharm, Punjab Kesari
इससे तीन वर्ष पहले वह ब्रज यात्रा कर चुके थे। इसका प्रमाण उनके द्वारा रचित कृष्णपदावली में है। तुलसीराम दर्शन स्थल में प्रवेश करते ही दायीं तरफ पत्थर निर्मित एक कुटिया नजर आती है। इसके बाद अंदर बड़ा आंगन है और उसके बाद वह स्थान जिसकी वजह से इसका नाम तुलसी राम दर्शन स्थल हुआ। इस कुटिया के बारे में कहा जाता है कि यहां तुलसीदास ने साधना की थी। अवकाश प्राप्त करने के बाद करीब 10 वर्ष से वृंदावन में अखंड वास कर रहे ‘यूनीवार्ता' के पूर्व समाचार संपादक दीपक बिष्ट ने कहा, "वृंदावन का यह अत्यंत प्राचीन स्थल प्रचार-प्रसार न होने के कारण अनदेखी का शिकार हो रहा है। मंदिर की सेवा पूजा और देखभाल भले ही निजी हाथों में हो, लेकिन ऐसे स्थानों के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी, जिन पर है वे कुछ भी नहीं कर रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि वृंदावन आने वाले श्रद्धालुओं को इस तरह के मंदिरों के बारे में पता ही नहीं चलता।'' 

PunjabKesari Vrindavan ram Darshan Sthal, Janmashtami Special, Janmashtami 2022, Janmashtami Vrindavan, Vrindavan Sri Krishan Temple, Sri Krishan mandir, Ram Darshan Sthal Vrindavan, Dharmik Sthal, Religious Place, Dharm, Punjab Kesari
श्री बिष्ट ने कहा, ‘‘वृंदावन प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं, लेकिन तुलसीराम दर्शन स्थल के बारे में जानकारी नहीं होने के कारण बहुत कम लोगों को ही इस चमत्कारी मंदिर के दर्शन का सौभाग्य मिल पाता है। यहां उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने कुछ साल पहले अपने विभाग का पत्थर लगाकर अपनी जिम्मेदारी से इति श्री कर ली है। श्रीकृष्ण भक्त त्रिकालजना दास ने इस कुटिया का जीर्णोद्धार करवाया है। 
PunjabKesari Vrindavan ram Darshan Sthal, Janmashtami Special, Janmashtami 2022, Janmashtami Vrindavan, Vrindavan Sri Krishan Temple, Sri Krishan mandir, Ram Darshan Sthal Vrindavan, Dharmik Sthal, Religious Place, Dharm, Punjab Kesari
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News