इन हाथों से किया जल स्त्रोत का निर्माण, होता है शुभ
punjabkesari.in Sunday, Aug 28, 2022 - 09:37 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
माना जाता है कि जीवन जीने के लिए किन्हीं पांच चीजों का होना बेहद जरूरी है जो हैं पवन, अग्नि, धरती, आकाश और जल। इन पांचों के बिना मानव जीवन का अस्तित्व मुमकिन नहीं है। तो आज हम आपको इन्हीं में से एक के बारे में कुछ ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं, जिससे ज्यादातर लोग अंजान है। दरअसल हम बात करने जा रहे हैं वास्तु शास्त्र में वर्णित जल से जुड़े खास तथ्यों की, जिनका संबंध व्यक्ति के हाथों से माना जाता है। जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं आज हम इस आर्टिकल में आपकों मानव के अंगों के विस्तार रूप "सामुद्रिक शास्त्र" में बताई गई बातों का नहीं बल्कि वास्तु शास्त्र में हाथों से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं।
जल जीवन के लिए बेहद जरूरी है। इस बात का प्रमाण वास्तु शास्त्र में भी मिलता है। जी हां, बहुत कम लोग जानते हैं कि वास्तु शास्त्र में जल से जुड़ी कई तरह की जानकारी दी गई है। इसमें जल स्त्रोत की खुदाई करने से लेकर जल स्त्रोत को लगाने की डायरेक्शन तथा दशा के बारे में भी वर्णन किया गया है। इतना ही नहीं इसमें जल स्त्रोत किन शुभ मुहूर्त में लगाने चाहिए, इस बारे में भी बताया गया है। तो चलिए बिन देर किए आपको बताते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसे हाथ वाले लोग पानी से जुड़े कार्य करने के लिए अच्छे व लाभदायक माने जाते हैं।
वास्तु के अनुसार अगर शुभ हाथों द्वारा पानी से जुड़े काम किए जाएं तो असफलता की गुंजाइश नहीं रहती। ऐसे में ऐसा कोई भी कार्य करने से पहले वास्तु नियमों को जान लेना चाहिए-
वास्तु शास्त्र में ऐसे कई उपाय बताए गए हैं जिनसे हम जान सकते हैं कि किस तरह के हाथ बोरिंग के काम के लिए शुभ हैं जैसे कि जल की खुदाई यानि बोरिंग किस जगह करनी चाहिए, शुभ मुहूर्त कब है, तथा किन हाथों से करनावी चाहिए आदि जैसी कई चीजों के बारे में ध्यान रखना चाहिए है।
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जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा वृष या फिर कर्क राशि के हो, ऐसे व्यक्ति को चंद्र देव व गणेश जी का ध्यान करने के बाद उसी स्थल पर थोड़ी सी भूमि खोदनी चाहिए। उसके पश्चात उस जगह पर जल से भरा तांबे का लोटा रखें, उसपर कुमकुम से स्वास्तिक चिन्ह बनाकर और नारियल चढ़ाकर खुदाई का कार्य प्रारंभ करना चाहिए।
जिस व्यक्ति ने अपनी पूरी जिंदगी में दान-पुन के कार्य किए हों, प्यासे लोगों को पानी पिलाया हो और जरूरतमंद की मदद की हो साथ ही साथ लोक कार्यों में जल का प्रबंध किया हो ऐसे मनुष्य के हाथों जल कार्य का शुभारंभ करना उचित होता है।
जिस किसी व्यक्ति का गोचर चंद्र 4,9,11 में हो उसके द्वारा किया गया जल कार्य हमेशा शुभ ही होता है लेकिन इस बात का खास ध्यान रखें चंद्र वृश्चिक या फिर कुंभ राशि में न हो नहीं तो अनहोनी भी हो सकता है।
अगर वृष या तुला लग्न में हों और दसवें स्थान पर चंद्र शुक्र की युति हो तो ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जल से जुड़े काम का स्तर बढ़ जाता है। साथ ही जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में गोचर का चंद्र जब बृहस्पति के साथ योग में हों तो उस व्यक्ति से जल खुदाई का शुभारंभ करना चाहिए।