उगते हुए सूर्य के दर्शन करने का है ये वैज्ञानिक महत्व

punjabkesari.in Sunday, Mar 01, 2020 - 04:52 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
सनातन धर्म में पांच देवों की आराधना का महत्व है। सूर्य, गणेशजी, देवी दुर्गा, शिव और विष्णु। इन पांचों देवों की पूजा सब कार्य में की जाती है। इनमें सूर्य ही ऐसे देव हैं जिनका दर्शन प्रत्यक्ष होता रहा है। सूर्य के बिना हमारा जीवन नहीं चल सकता। सूर्य की किरणों से शारीरिक व मानसिक रोगों से निवारण मिलता है। शास्त्रों में सूर्य की उपासना का उल्लेख मिलता है।
PunjabKesari
सूर्य की उपासना की प्रमुख बात यह है कि व्यक्ति को सूर्योदय से पूर्व उठ जाना चाहिए। तत्पश्चात स्नान आदि से निवृत्त होकर शुद्ध, स्वच्‍छ वस्त्र धारण कर ही सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए। सूर्य के सम्मुख खड़े होकर अर्घ्य देने से जल की धारा के अंतराल से सूर्य की किरणों का जो प्रभाव शरीर पर पड़ता है उससे शरीर में विद्यमान रोग के की‍टाणु नष्ट हो जाते हैं तथा ‍व्यक्ति के शरीर में ऊर्जा का संचार होने से सूर्य के तेज की ‍रश्मियों से शक्ति आती है।
Follow us on Twitter
Follow us on Instagram
अथर्ववेद के एक मंत्र में कहा गया है कि उदित होता हुआ सूर्य मृत्यु के सभी कारणों अर्थात सभी रोगों को नष्ट करता है। उदित होते हुए सूर्य से अवरक्त किरणें निकलती हैं। इन लाल किरणों में जीवन शक्ति और रोगों को नष्ट करने की विशेष क्षमता होती है। अत: ऋग्वेद में कहा गया है कि उदित होता हुआ सूर्य हृदय की बीमारियों को तथा खून की कमी को दूर करता है। प्रात: सूर्योदय के समय पूर्वाभिमुख होकर संध्योपासना और हवन करने का यही रहस्य है कि ऐसा करने से सूर्य की आरक्त किरणें सीधे वक्षस्थल पर पड़ती हैं और उनके प्रभाव से व्यक्ति सदा निरोग रहता है। अथर्ववेद के बाइस मंत्रों में सूर्य किरण चिकित्सा से ठीक होने वाले रोगों का विवेचन किया गया है। जिससे स्पष्टï होता है कि उदित होता हुआ सूर्य समस्त रोगों का निवारण करता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Lata

Recommended News

Related News