इस Magical मंत्र के जाप से आपकी मुट्ठी में होंगे नवग्रह

punjabkesari.in Monday, May 21, 2018 - 12:16 PM (IST)

ज्योतिष ग्रंथ के अनुसार केवल नवग्रह को छोड़कर बाकी सभी ग्रह भगवान रुद्र यानि शिव के क्रोध से उत्पन्न हुए हैं। अधिकतर ग्रह की प्रकृति आम तौर पर हानिकारक होती है, लेकिन कुछ नवग्रह अधिक शुभ ग्रह माने जाते हैं। अगर ज्योतिष के अनुसार इनकी पूजा-अर्चना की जाए तो ये मनुष्य की समस्त समस्याओं, बाधाओं को हर लेते हैं।

तो आईए आज आपको नवग्रह के एक एेसा चमत्कारी मंत्र के बारे में बताएं, जिससे आपकी हर पीड़ा का होगा अंत-

यदि हर रोज़ नवग्रह मंत्र का जाप 31 या 108 बार किया जाए तो उपासक को सभी ग्रहों की अनुकनलता प्राप्त होती है और शुभ फल मिलते हैं।

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नवग्रह मंत्र
ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु ।।


जप करने की विधि सफ़ेद आसन पर बैठकर, आसन के नीचे कुछ सिक्के रखकर उसके ऊपर सुखासन (पालथी) मारकर बैठ जाएं। फिर जप करते हुए भाव करें कि-


ग्रहों में प्रथम विश्व की रक्षा करने वाले भगवान सूर्य मेरी पीड़ा का हरण करें । 

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अमृतमय स्वरूप वाले, अमतरूपी शरीर वाले तथा अमृत का पान कराने वाले चंद्रदेव मेरी पीड़ा को दूर करें। 


जगत् को भय प्रदान करने वाले, वृष्टि करने वाले तथा वृष्टि का हरण करने वाले मंगल मेरी पीड़ा का हरण करें । 

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महान द्युति से संपन्न, चंद्रमा के पुत्र बुध मेरी पीड़ा का निवारण करें ।


सर्वदा लोक कल्याण में निरत रहने वाले, देवताओं के गुरू बृहस्पति मेरी पीड़ा को दूर करें । 


दैत्यों के गुरू महान बुद्धि संपन्न शुक्र मेरी पीड़ा को दूर करें ।

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सूर्य विशाल नेत्रों वाले, भगवान् शिव के प्रिय प्रसन्नात्मा शनि देव मेरी पीड़ा को दूर करें । 

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विविध रूप तथा वर्ण वाले, हजारों आंखों वाले, तमोमय राहु मेरी पीड़ा का हरण करें।


नाड़ी से संपन्न, विशाल मुख और बिना शरीर वाले केतु मेरी पीड़ा का हरण करें। 


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Jyoti

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