सूर्य देवता को जल चढ़ाते समय करें इन मंत्रों का जाप, जीवन में आएगी सकारात्मक ऊर्जा
punjabkesari.in Sunday, Dec 07, 2025 - 11:59 AM (IST)
Surya Mantra: सूर्य देव को समस्त ऊर्जा, तेज और जीवन शक्ति का स्रोत माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रतिदिन सुबह सूर्य को अर्घ्य देना न केवल आरोग्य और यश प्रदान करता है, बल्कि यह संतान की सुरक्षा और उनके उज्जवल भविष्य के लिए भी बहुत फलदायी माना जाता है। यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चों पर जीवन में कभी कोई संकट न आए और वे हमेशा सौभाग्यशाली रहें, तो सूर्य देवता को जल अर्पित करते समय इन 3 विशिष्ट और शक्तिशाली मंत्रों का जाप अवश्य करें।

संतान की सुरक्षा के लिए 3 सूर्य मंत्र
ॐ सूर्याय नमः
यह सूर्य देव का सबसे सरल और मूल मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से सूर्य देव की सीधी कृपा प्राप्त होती है। यह संतान के स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणाय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
यह एक विस्तृत और मनोकामना पूर्ति का मंत्र है। यह मंत्र संतान की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए जाप किया जाता है। यह उनके जीवन से बाधाओं को दूर करता है और उन्हें सफलता व ज्ञान प्रदान करता है।
ॐ भास्कराय पुत्रं देहि महातेजसे धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्
यह विशेष रूप से संतान के कल्याण के लिए समर्पित मंत्र है। यदि संतान पर कोई संकट है, स्वास्थ्य संबंधी समस्या है या शिक्षा में बाधा आ रही है, तो इस मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यह बच्चों को तेज, बल और बुद्धि प्रदान करता है।

अर्घ्य देने की सही विधि
सूर्योदय के तुरंत बाद अर्घ्य देना सर्वोत्तम माना जाता है।
तांबे के लोटे में शुद्ध जल लें। इसमें चुटकी भर रोली, चंदन और लाल फूल मिला लें।
सूर्य की ओर मुख करके खड़े हों और लोटे को सिर से ऊपर उठाकर जल की धारा बनाएं। इस धारा के बीच से सूर्य को देखें।
जल चढ़ाते समय ऊपर दिए गए तीनों में से किसी एक या सभी मंत्रों का जाप 11, 21 या 108 बार करें।
जल की समाप्ति पर, लोटे को ज़मीन पर न रखें, बल्कि एक साफ जगह पर रख दें। परिक्रमा करें और सूर्य देव से संतान के कल्याण की प्रार्थना करें।

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