केदनाथ से पहले होती है इनकी आराधना, क्या है इस जगह का रहस्य

punjabkesari.in Thursday, May 07, 2020 - 05:59 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
देश में जहां पर भी भगवान शिव के मंदिर स्थापित हैं वहां वहां काल भैरव भी विराजमान हैं। कहा जाता है कि बिना काल भैरव के दर्शनों से भगवान शिव के दर्शनों का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। इसकी सबसे बड़ी उदाहरण है काशी के विश्वनाथ जहां काल भैरव उनके कोतवाल कहलाते हैं।  इसी कड़ी में आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो केदारनाथ  के समीप है। बता दें इस मंदिर को भुकुंट भैरव मंदिर है के नाम से जाना जाता है।
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जिसके बारे में मान्यता है कि यहां हर साल केदारनाथ के कपाट खुलने से पहले भैरव नाथ की पूजा की जाती है। यहां के लोकमत अनुसार वर्ष पहले पुरोहितों से पूजा-पाठ में कुछ कमी रह गई जिस कारण  यहां भीषण आपदा आई थी। जानते हैं इस अद्भुत मंदिर के बारे में-
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पौराणिक कथाओं के अनुसार भुकुंट भैरव बाबा को केदारनाथ का पहला रावल माना गया है। इसके साथ ही उन्हें क्षेत्र का क्षेत्रपाल भी कहा जाता है द्वारा बताई गई जानकारी के अनुसार यहां बाबा केदार से पहले बाबा भुकुंट भैरव की पूजा किए जाने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि पहले इनकी पूजा होती है उसके बाद ही केदारनाथ मंदिर के कपाट भक्तों के लिए जाते हैं।
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बता दें केदारनाथ मंदिर से आधा किमी दूर भुकुंट भैरव का मंदिर दक्षिण दिशा में स्थित है। बताया जाता है कि हम बाबा भैरवनाथ की जो मूर्तियां है उनके ऊपर कोई छत नहीं है। बता दे शास्त्रों में भगवान शिव का ही स्वरूप माना गया है पुजारियों द्वारा बताया गया है केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने से पहले हर शनिवार को यहां भैरवनाथ की पूजा की जाती है।
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यहां की परंपरा के अनुसार भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के लिए धाम रवाना होने से पहले केदार पुरी के क्षेत्ररक्षण भगवान भैरवनाथ की पूजा का विधान है मान्यता है कि भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल के उनका रेसर मंदिर में विराजमान भैरवनाथ की पूजा के बाद भैरवनाथ केदार पूरी को प्रस्थान कर देते हैं। वही पुराना में भी बताया गया है कि जो भी व्यक्ति भगवान शंकर के किसी धार्मिक स्थल पर जाता है तथा भैरव के दर्शन नहीं करता तो उनकी यात्रा अधूरी मानी जाती है। काशी विश्वनाथ की तरह यहां पर बाबा भुकुंट भैरव जी के केदार नाथ मंदिर में विराजमान भगवान शंकर की रखवाली करते हैं।


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Jyoti

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