Sripuram Mahalaxmi Temple: 15 हजार सोने धातु से बना मां लक्ष्मी का चमत्कारी मंदिर, जहां दर्शन से खुलते हैं भाग्य के द्वार
punjabkesari.in Thursday, Nov 06, 2025 - 06:00 AM (IST)
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Sripuram Mahalaxmi Temple: हाल ही में देशभर में दीपावली का त्यौहार मनाया गया। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा होती है और उनके साथ कुबेर भगवान की भी पूजा होती है। मां लक्ष्मी को धन और संपदा की देवी माना जाता है लेकिन दक्षिण भारत में मां लक्ष्मी का ऐसा मंदिर है, जो सोने से बना है और श्रद्धालु दूर-दूर से मां लक्ष्मी के स्वर्ण मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं।

300 करोड़ रुपए हुए खर्च
तमिलनाडु के वेल्लोर नगर के मलाई कोड़ी पहाड़ों पर स्थित श्रीपुरम महालक्ष्मी का यह मंदिर बेहद खास है क्योंकि यह 1500 किलो सोने से बना है। बताया जाता है कि मंदिर को बनाने में 300 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। मंदिर को श्री नारायणी पीदम धर्मार्थ ट्रस्ट ने बनाया है और मंदिर की ऊपरी परत सोने की चादर से ढकी हुई है। मंदिर का निर्माण साल 2001 में शुरू हुआ और यह 2007 में बनकर पूरा हो गया था। मंदिर एक एकड़ में बना है और इसकी वास्तुकला दक्षिण की संस्कृति को अच्छे से दर्शाती है।
डिजाइन
सोने के साथ मंदिर को सुंदर तरीके से कारीगरों द्वारा सजाया गया है। हर एक विवरण को बहुत ध्यान और संयम से बनाया गया जिसमें सोने की ईंटों को सोने के महीन चादरों में बदलना और फिर उनको तांबे पर चढ़ाना शामिल है। नक्काशीदार तांबे की प्लेटों पर 9 से 10 तक सोने की परतें लगाई गई हैं। मंदिर कला का हर एक विवरण वेदों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। श्रीपुरम के डिजाइन में हरे-भरे परिदृश्य के बीच में एक तारानुमा आकृति का पथ है। इसे श्रीचक्र कहते हैं जिसकी लंबाई 1.8 किलोमीटर से अधिक है। इस पथ से चल कर मंदिर के बीच पहुंचा जा सकता है। पथ पर चलते हुए विभिन्न आध्यात्मिक संदेश पढ़ने को मिलते हैं। श्री नारायणी अस्पताल और अनुसंधान केंद्र श्रीपुरम मंदिर परिसर के पास स्थित एक सामान्य अस्पताल है। इसे चलाने में चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा अनेक सहायता प्रदान की जाती है। मंदिर के अंदर श्रीपुरम आध्यात्मिक पार्क का भी निर्माण किया गया है। मां लक्ष्मी की प्रतिमा सोने से लदी होती है।

मनोकामना पूर्ति जल
इसके साथ ही मंदिर में खास तरह के सरोवर का निर्माण किया गया है, जिसमें देश भर की सभी पवित्र नदियों का जल मिलाया गया है। इस सरोवर के जल को मनोकामना पूर्ति जल भी कहा गया है। श्रीपुरम महालक्ष्मी मंदिर में रात का नजारा भी देखने लायक होता है। मंदिर को लाइटों से सजाकर रात के समय जलाया जाता है, सोने की चमक और लाइटों की चमक मंदिर की सुंदरता में चार-चांद लगा देती है।
यह मंदिर साल भर खुला रहता है और कभी भी श्रद्धालु आकर दर्शन कर सकते हैं। ध्यान रखने वाली बात है कि यहां श्रद्धालु परम्परागत परिधान में ही आ सकते हैं और मंदिर में दर्शन की सेवा नि:शुल्क है, लेकिन मां की विशेष पूजा के लिए बुकिंग करानी पड़ती है।

