Srimad Bhagavad Gita: वन लाइनर गीता श्रीमद्भगवद्गीता का सार

punjabkesari.in Tuesday, Jan 16, 2024 - 08:36 AM (IST)

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Srimad Bhagavad Gita: गीता को हिंदू धर्म का सबसे पवित्र ग्रंथ माना जाता है। लोग गीता पर हाथ रख कर सच बोलने की शपथ लेते हैं। गीता को मानव जीवन में सभी प्रकार की चिंताओं और दुखों को खत्म करने का साधन माना जाता है। भारत के तमाम विद्वान और मनीषियों ने गीता के अलग-अलग रूपों को अपने जीवन में उतारा है, तो दुनिया के कई दिग्गजों ने भी गीता को अपने जीवन में उतारा है। गीता के उपदेश आज भी लोगों को जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं। ऐसे में इसकी प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है।

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गीता के सभी 18 अध्यायों का सार मात्रा 18 वाक्यों में प्रस्तुत है-
अध्याय 1. : गलत सोच ही जीवन की एकमात्र समस्या है।
अध्याय 2. : सही ज्ञान ही सभी समस्याओं का अंतिम समाधान है।
अध्याय 3. : नि:स्वार्थता ही प्रगति और समृद्धि का एकमात्र मार्ग है।
अध्याय 4. : प्रत्येक कार्य प्रार्थना का कार्य हो सकता है।
अध्याय 5. : अहंकार को त्यागें और अनंत के आनंद का आनंद लें।
अध्याय 6. : प्रतिदिन उच्च चेतना से जुड़ें।
अध्याय 7. : आप जो सीखते हैं उसे जिएं।
अध्याय 8. : अपने आप को कभी मत छोड़ो।
अध्याय 9. : अपने आशीर्वाद को महत्व दें।

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अध्याय 10. : चारों ओर देवत्व देखें।
अध्याय 11. : सत्य को जैसा है, वैसा देखने के लिए पर्याप्त समर्पण करें।
अध्याय 12. : अपने मन को उच्चतर में लीन करें।
अध्याय 13. : माया से अलग होकर परमात्मा से जुड़ो।
अध्याय 14. : ऐसी जीवनशैली जिएं, जो आपकी दृष्टि से मेल खाती हो।
अध्याय 15. : देवत्व को प्राथमिकता दें।
अध्याय 16. : अच्छा होना अपने आप में एक पुरस्कार है।
अध्याय 17. : सुखद पर अधिकार चुनना शक्ति की निशानी है।
अध्याय 18. : चलों चले, ईश्वर के साथ मिलन की ओर बढ़ते हैं।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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