Sri Vrindavan Dham- विश्व भर में प्रसिद्ध है वृन्दावन, जानें प्राचीन इतिहास

punjabkesari.in Saturday, Nov 09, 2024 - 08:08 AM (IST)

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Bhakti Dham Vrindavan- वृंदावन उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। यह ब्रज भूमि क्षेत्र के प्रमुख स्थानों में से एक है। भगवान श्री कृष्ण ने अपने बचपन के दिन यहीं बिताए थे। यह शहर मथुरा से लगभग 10 कि.मी. दूर है। आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर स्थित वृंदावन धाम राधा और श्री कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है। यहां अनेक मंदिर हैं। वैसे तो वृंदावन धाम में वर्ष भर पर्यटक आते हैं लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी के समय श्री कृष्ण की बाल लीलाएं तथा झांकियां देखने के लिए यहां भारी भीड़ जुटती है।

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Vrindavan Dham वृंदावन धाम का इतिहास
वृंदावन धाम का प्राचीन अतीत हिंदू संस्कृति और इतिहास से जुड़ा है। माना जाता है कि वल्लभाचार्य 11 वर्ष की उम्र में वृंदावन आए थे। बाद में उन्होंने भारत में 3 तीर्थस्थानों का प्रचार किया और नंगे पांव जाकर 84 स्थानों पर भगवद् गीता का प्रवचन दिया। वह प्रत्येक वर्ष चार महीने वृंदावन में रुकते थे। इस प्रकार वृंदावन में उनके पुष्टिमार्ग ने लोगों को बहुत प्रभावित किया।
वृंदावन का सार 16वीं शताब्दी तक विलुप्त होने लगा था, जब इसे चैतन्य महाप्रभु द्वारा फिर से खोजा गया। 1515 में, चैतन्य महाप्रभु ने भगवान श्री कृष्ण के पारलौकिक अतीत से जुड़े खोए हुए पवित्र स्थानों का पता लगाने के उद्देश्य से वृंदावन की यात्रा की।

माना जाता था कि दिव्य आध्यात्मिक शक्ति द्वारा वह श्री कृष्ण के अतीत के सभी महत्वपूर्ण स्थानों का वृंदावन और आसपास में पता लगाने में सफल हुए। इसके बाद मीराबाई भी मेवाड़ छोड़ कर वृंदावन आ गई थीं। इस प्रकार वृंदावन धाम अपने प्राचीन इतिहास के कारण प्रसिद्ध है।

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Who should visit Vrindavan रोचक तथ्य
वृन्दावन यमुना नदी से तीन ओर से घिरा हुआ है और इसकी प्राकृतिक छटा बहुत निराली है। वृंदावन को विधवाओं के शहर के रूप में भी जाना जाता है। यहां विधवाओं की बड़ी संख्या है और विधवा आश्रम भी हैं।

वृंदावन की एक खासियत है कि यहां अनेक ऐतिहासिक धरोहर, सैंकड़ों आश्रम और कई गौशालाएं हैं। गौड़ीय वैष्णव, वैष्णव और हिन्दुओं के धार्मिक क्रिया-कलापों के लिए वृन्दावन विश्वभर में प्रसिद्ध है। सूरदास, स्वामी हरिदास, चैतन्य महाप्रभु के नाम वृन्दावन से हमेशा के लिए जुड़े हुए हैं।

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What is famous about Vrindavan प्रमुख आकर्षण
यह एक ऐसा शहर है जहां छोटे और बड़े हजारों मंदिर स्थित हैं। यहां सारा साल पर्यटक आते रहते हैं। आइए जानते हैं वृंदावन के प्रमुख आकर्षण कौन-कौन से हैं।

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बांके बिहारी मंदिर
बांके बिहारी मंदिर वृंदावन में स्थित है जो श्री कृष्ण को समर्पित देश के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। यह मंदिर राजस्थानी शैली में बना है और इसमें भगवान श्री कृष्ण की छवि एक बच्चे के रूप में दिखाई देती है।
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प्रेम मंदिर
वृंदावन में स्थित यह भव्य प्रेम मंदिर राधा-कृष्ण और सीता-राम को समर्पित है। सफेद संगमरमर से निर्मित और बहुत जटिल नक्काशी से सजा यह मंदिर अपनी स्थापत्य सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है।

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इस्कॉन मंदिर
इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण-बलराम मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। इस मंदिर को 1975 में भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद के निर्देश पर बनाया गया था।

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श्री राधा रमण मंदिर
यह मंदिर गोपाल भट्ट गोस्वामी द्वारा 1542 में बनवाया गया था। इस मंदिर में राधा की मूर्ति मौजूद नहीं है, भगवान श्री कृष्ण के पास रखा एक मुकुट ही राधा को दर्शाता है।

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गोपेश्वर महादेव मंदिर वृन्दावन
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और भगवान को एक गोपी के रूप में दर्शाया गया है। भक्त यहां शिवलिंग पर यमुना का पवित्र जल डालते हैं। वृंदावन धाम के मंदिरों में यह मंदिर देखने लायक है।

शाहजी मंदिर
शाहजी मंदिर का निर्माण वर्ष 1876 में शाह कुंदन लाल ने करवाया था। यह भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। संगमरमर से बने इस मंदिर के मुख्य देवता को छोटा राधा रमण के नाम से जाना जाता है।

श्री रघुनाथ मंदिर
यह मंदिर भगवान विष्णु और उनकी पत्नी लक्ष्मी को समर्पित है। यह वृंदावन के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है और ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है।

कात्यायनी शक्तिपीठ
कात्यायनी पीठ मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है और इसे उमा शक्ति पीठ के रूप में जाना जाता है। यह वृंदावन में भूतेश्वर महादेव मंदिर के भीतर स्थित है।

इसके अलावा भी वृंदावन में देखने लायक बहुत से स्थान हैं। जैसे श्री राधा दामोदर मंदिर, मदन मोहन मंदिर, पागल बाबा मंदिर, कुसुम सरोवर, बरसाना, सेवा कुंज, केसी घाट, जयपुर मंदिर, यमुना नदी, श्री वृंदा कुंड आदि स्थान देखे जा सकते हैं। यदि आप पूजा-पाठ के शौकीन हैं तो वृंदावन में इन स्थानों को देखना काफी सुखमय हो सकता है।

घूमने का सबसे अच्छा समय
वृंदावन हिंदुओं के सबसे अधिक देखे जाने वाले तीर्थ स्थानों में से एक है। यहां का मौसम उत्तर भारत के बाकी हिस्सों की तरह ही रहता है।

वृंदावन में जनवरी से मार्च और अक्तूबर से दिसम्बर के दौरान घूमने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। इन महीनों के दौरान मौसम सौम्य और सुखद रहता है और वृंदावन के दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए आदर्श समय होता है।

कैसे पहुंचें
वृंदावन पहुंचने के लिए सीधे कोई सुविधा नहीं है। पहले आपको इसके आस-पास के स्टेशनों, हवाई अड्डों और बस स्टैंडों पर पहुंचना पड़ता है। आइए जानते हैं वृंदावन पहुंचने के लिए क्या विकल्प मौजूद हैं।

हवाई मार्ग से
निकटतम हवाई अड्डा आगरा में खेरिया एयरपोर्ट है जो वृंदावन से 53 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एयरपोर्ट देश के प्रमुख शहरों से हवाई मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। यहां पहुंचने के बाद आप बस या टैक्सी के माध्यम से वृंदावन पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग से  
वृंदावन में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा में है जो वृंदावन से 10 किलोमटीर दूर है। मथुरा कैंट और मथुरा जंक्शन के लिए देश भर के प्रमुख शहरों से नियमित ट्रेनें चलती हैं। स्टेशन पहुंचने के बाद आप टैक्सी या मोटर रिक्शा से वृंदावन धाम पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग से
देश के प्रमुख शहरों से सीधे वृंदावन के लिए कोई बस सेवा नहीं है। यहां का निकटतम बस स्टैंड मथुरा है।

मथुरा तक आप दिल्ली से बस द्वारा आ सकते हैं। इसके अलावा भरतपुर और राजस्थान मथुरा से 45 किलोमीटर दूर हैं जहां से नियमित बसें आती हैं।

इसके माध्यम से भी मथुरा बस स्टैंड पहुंचा जा सकता है। फिर ऑटो रिक्शा या टैक्सी से वृंदावन जाया जा सकता है।

 

 


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Content Writer

Niyati Bhandari

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