इन ग्रहों के बुरे प्रभाव आपको भी कर रहे हैं परेशान, तो करें ये उपाय

punjabkesari.in Wednesday, May 15, 2019 - 10:53 AM (IST)

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कई बार व्यक्ति के जीवन में आ रही परेशानियां का कारण उसकी कुंडली में मौज़ूद ग्रह की उल्टी-पुल्टी होती है। कहते हैं ये कुंडली के समस्त ग्रह शुभ फलों के साथ-साथ अशुभ फल भी प्रदान करते हैं परंतु दो ऐसे ग्रह होते हैं जिनका अगर किसी जातक पर बुरा प्रभाव पड़ता है तो उसके जीवन की नैय्या डगमगा जाती है। इससे पहले आप खुद ही कल्पना करने लगे कि वो ग्रह कौन से है हम आपको बताते हैं कि वो दो ग्रह कौन से है और साथ ही जानेंगे कि इसके बुरे प्रभावों से बचने के उपाय। ज्योतिष विद्वानों की मानें बृहस्पति और शनि ऐसे ग्रह है जिनके बुरा प्रभाव से जातक की जीवन में परेशानिया उत्पन्न होती हैं। इसके अनुसार जहां शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है। वहीं बृहस्पति को देवताओं का गुरु के रूप में जाना जाता है। माना जाता है कि जिस जातक की कुंडली में शनि अच्छी स्थिति में होती है उसे जीवन में यश, सम्मान, प्रतिष्ठा और नौकरी-रोज़गार में भी अपार सफलता मिलती है। इसके विपरीत जब जातक की कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अच्छी नहीं होती है तो ऐसे में जातक को वैवाहिक जीवन से संबंधित अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
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माना जाता है कि जिस जातक की कुंडली में बृहस्पति मज़बूत हो उस जातक को जीवन में दो चीजें बहुत आसानी से मिल जाती है। इनमें से एक है सत्विकता और दूसरा है लोगों को समझाने और सलाह देने की आदत। लेकिन वहीं अगर जब कुंडली में बृहस्पति खराब होता है तो व्यक्ति बिलकुल भी सात्विक नहीं होता। इसके अलावा कहा जाता है कि बृहस्पति कमज़ोर होने से वैवाहिक जीवन पर बुरा असर पड़ता है।

कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में होने से जातक को जीवन में कदम-कदम पर भटकाव नज़र आता है। नौकरी और रोजगार में भी आसानी से सफलता नहीं मिल पाती और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
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शनि और बृहस्पति के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए उपाय-
कुंडली में खराब बृहस्पति को ठीक करने के लिए अपने से बड़ों का अधिक से अधिक सम्मान करें। इसके अलावा रोज़ाना सुबह 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें।

गायत्री मंत्र-
ॐ भूर्भुवः स्वः  तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
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शनि दोष से बचने के लिए शनिवार के दिन शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। साथ ही रोज शाम को शनि मंत्र का जाप करें।

शनि मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नमः
इसके अलावा सरसों के तेल में अपनी छाया देखकर वो तेल दान करने से शनि का अशुभ प्रभाव धीरे-धीरे खत्म हो जाता है।
 


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Jyoti

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