Skandamata Mandir: अद्भुत शक्ति और भक्ति का संगम स्कंदमाता देवी का ये पौराणिक मंदिर
punjabkesari.in Saturday, Sep 27, 2025 - 02:02 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Skandamata Mandir: हिंदू धर्म में नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्रि का पर्व हर शहर, गांव और राज्य में बहुत उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। मां स्कंदमाता, भगवान कार्तिकेय की माता हैं। शास्त्रों के अनुसार, वे सिंह पर सवार होकर गोद में बाल स्कंद को धारण करती हैं। उनके पांच मुख और चार भुजाएं होती हैं, जो ज्ञान, शक्ति, करुणा और शांति का संदेश देती हैं। नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा करने का विधान है। इस दिन मां स्कंदमाता के मंदिर के दर्शन करने से भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। तो आइए जानते हैं मां स्कंदमाता का मंदिर कहां स्थित है।
कहां स्थित है मां स्कंदमाता का मंदिर
मां स्कंदमाता का मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित है। भक्तों का मानना है कि स्कंदमाता के दर्शन से कठिनाइयां दूर होती हैं और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है। जो साधक नवरात्रि में विशेष रूप से इस मंदिर में पूजन-अर्चन करते हैं, उन्हें आध्यात्मिक शांति और दिव्य आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
स्कंदमाता मंदिर का महत्व
मां स्कंदमाता का इकलौता मंदिर वारणसी में स्थित है। यह मंदिर बहुत ही पुराना मंदिर मंदिर है। कहा जाता है कि इस मंदिर का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। इस मंदिर में मां स्कंदमाता चार भुजाओं के साथ विराजमान है। मंदिर की दीवारों और गर्भगृह में देवी की लीलाओं से जुड़े चित्र और मूर्तियां अंकित हैं, जो भक्ति को और गहरा अनुभव कराते हैं।