Shardiya Navratri Bhog:  शारदीय नवरात्रि में 9 दिन नवदुर्गा को लगाएं ये खास भोग, बरसेगी माता रानी की कृपा

punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 07:54 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Shardiya Navratri 2025: नवरात्र के 9 दिन खासतौर पर जगत जननी को समर्पित होते हैं। भक्त मां को प्रसन्न करने का कोई भी अवसर हाथ से जाने नहीं देना चाहते। नवरात्रि के 9 दिन मां को अलग-अलग तरह के भोग लगाने का विधान है। जिससे माता रानी प्रसन्न हो अपने भक्तों पर खूब कृपा बरसाती हैं। जानते हैं नवरात्रि के 9 भोग कौन से हैं, जिससे देवी मां को 9 दिन आपको लगाना है। ध्यान रहें मां को भोग लगाने के बाद उसे कंजक को दे दें। बाकी का बचा भोग परिवार में बांट कर खुद खाएं।

PunjabKesari

मां दुर्गा को भोग लगाते समय करें इस मंत्र का जाप-  त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर

मां दुर्गा श्री शैलपुत्री
प्रथम नवरात्रे में मां दुर्गा की शैलपुत्री के रूप में पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री शैलपुत्री की पूजा करने से मूलाधार चक्र जागृत हो जाता है और साधकों को सभी प्रकार की सिद्धियां स्वत: ही प्राप्त हो जाती हैं। मां का वाहन वृषभ है तथा इन्हें गाय का घी अथवा उससे बने पदार्थों का भोग लगाया जाता है।

मां दुर्गा श्री ब्रह्मचारिणी
दूसरे नवरात्र में मां के ब्रह्मचारिणी एवं तपश्चारिणी रूप को पूजा जाता है। जो साधक मां के इस रूप की पूजा करते हैं उन्हें तप, त्याग, वैराग्य, संयम और सदाचार की प्राप्ति होती है और जीवन में वे जिस बात का संकल्प कर लेते हैं उसे पूरा करके ही रहते हैं। मां को शक्कर का भोग प्रिय है।

PunjabKesari Shardiya Navratri Bhog
मां दुर्गा श्री चन्द्रघंटा
मां के इस रूप में मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चन्द्र बना होने के कारण इनका नाम चन्द्रघंटा पड़ा तथा तीसरे नवरात्रे में मां के इसी रूप की पूजा की जाती है तथा मां की कृपा से साधक को संसार के सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। शेर पर सवारी करने वाली माता को दूध का भोग प्रिय है।

मां दुर्गा श्री कूष्मांडा
अपने उदर से ब्रह्मंड को उत्पन्न करने वाली मां कूष्मांडा की पूजा चौथे नवरात्रे में करने का विधान है। इनकी आराधना करने वाले भक्तों के सभी प्रकार के रोग एवं कष्ट मिट जाते हैं तथा साधक को मां की भक्ति के साथ ही आयु, यश और बल की प्राप्ति भी सहज ही हो जाती है। मां को भोग में मालपूआ अति प्रिय है।

मां दुर्गा श्री स्कंदमाता
पंचम नवरात्रे में आदिशक्ति मां दुर्गा की स्कंदमाता के रूप में पूजा होती है। कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इनका नाम स्कंदमाता पड़ा। इनकी पूजा करने वाले साधक संसार के सभी सुखों को भोगते हुए अंत में मोक्ष पद को प्राप्त होते हैं। उनके जीवन में किसी भी प्रकार की वस्तु का कोई अभाव कभी नहीं रहता। इन्हें पद्मासनादेवी भी कहते हैं। मां का वाहन सिंह है और इन्हें केले का भोग अति प्रिय है।

PunjabKesari Shardiya Navratri Bhog
मां दुर्गा श्री कात्यायनी
महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति मां दुर्गा ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया और उनका कात्यायनी नाम पड़ा। छठे नवरात्रे में मां के इसी रूप की पूजा की जाती है। मां की कृपा से साधक को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष आदि चारों फलों की जहां प्राप्ति होती है वहीं वह आलौकिक तेज से अलंकृत होकर हर प्रकार के भय, शोक एवं संतापों से मुक्त होकर खुशहाल जीवन व्यतीत करता है। मां को शहद अति प्रिय है।

मां दुर्गा श्री कालरात्रि
सभी राक्षसों के लिए कालरूप बनकर आई मां दुर्गा के इस रूप की पूजा सातवें नवरात्रे में की जाती है। मां के स्मरण मात्र से ही सभी प्रकार के भूत, पिशाच एवं भय समाप्त हो जाते हैं। मां की कृपा से भानूचक्र जागृत होता है मां को गुड़ का भोग अति प्रिय है।

मां दुर्गा श्री महागौरी
आदिशक्ति मां दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा आठवें नवरात्रे में की जाती है। मां ने काली रूप में आने के पश्चात घोर तपस्या की और पुन: गौर वर्ण पाया और महागौरी कहलाई। मां का वाहन बैल है तथा मां को हलवे का भोग लगाया जाता है तभी अष्टमी को पूजन करके मां को हलवे पूरी का भोग लगाया जाता है। मां की कृपा से साधक के सभी कष्ट मिट जाते हैं और उसे आर्थिक लाभ भी मिलता है।

मां दुर्गा श्री सिद्धिदात्री
नौंवें नवरात्रे में मां के इस रूप की पूजा एवं आराधना की जाती है, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है मां का यह रूप साधक को सभी प्रकार की ऋद्धियां एवं सिद्धियां प्रदान करने वाला है। जिस पर मां की कृपा हो जाती है उसके लिए जीवन में कुछ भी पाना असंभव नहीं रहता। मां को खीर अति प्रिय है अत: मां को खीर का भोग लगाना चाहिए।   

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News