Shardiya Navratri: दुर्गा अष्टमी पर बन रहे हैं 5 अद्भुत संयोग, अक्षय पुण्य फलों की होगी प्राप्ति
punjabkesari.in Friday, Oct 20, 2023 - 09:01 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Shardiya Navratri: शास्त्रों के मुताबिक पूरे 9 दिनों तक नवरात्रि का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। वर्ष 2023 में शारदीय नवरात्रि का समापन 23 अक्टूबर को होगा और 24 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। इस दौरान पड़ने वाली अष्टमी को महाष्टमी के नाम से जाना जाता है। कई लोग इस दिन कन्या पूजन करके अपने व्रत का समापन करते हैं। मान्यताओं के अनुसार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन विधिपूर्वक आदिशक्ति की पूजा करने से साधक को हर खुशी प्राप्त होती है और कभी भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। बता दें कि मां जगदंबा की कृपा से इस बार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दौरान बहुत से शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिसमें पूजा करने से अक्षय पुण्य फलों की होगी प्राप्ति। तो चलिए जानते हैं, किस दिन रखा जाएगा अष्टमी तिथि का व्रत और कौन से बन रहे हैं शुभ योग-
Shardiya Navratri Ashtami date and time शारदीय नवरात्रि अष्टमी तिथि और मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि 21 अक्टूबर को रात 9 बजकर 53 मिनट से शुरू होगी और शाम 7 बजकर 58 मिनट 22 अक्टूबर को इसका समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार 22 अक्टूबर को अष्टमी का व्रत रखा जाएगा।
This auspicious yoga is being formed बन रहे ये शुभ योग
Sarvartha Siddhi Yoga सर्वार्थ सिद्धि योग
पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। ये योग सुबह 6 बजकर 26 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। कहते हैं इस योग में पूजा करने से मां सारे बिगड़े कामों को बना देती हैं।
Ravi Yoga रवि योग
ज्योतिषियों के अनुसार अष्टमी तिथि पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। यह योग शाम 6 बजकर 44 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन 6 बजकर 26 मिनट तक चलेगा।
Karan करण
2023 में शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर बव और बालव करण का निर्माण हो रहा है। शास्त्रों के अनुसार ये योग बहुत ही शुभ माना जाता है। इस योग में पूजा-अर्चना करने से साधक को मां का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Bhadravas Yoga भद्रावास योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अष्टमी तिथि के दिन भद्रा वास योग का निर्माण हो रहा है। बता दें कि यह योग सुबह 8 बजकर 58 मिनट तक है। मान्यताओं के अनुसार इस समय भद्रा पाताल लोक में रहेगी। जब ऐसा होता है तो पृथ्वी पर उपस्थित समस्त प्राणियों का कल्याण होता है। इसी के साथ इस समय के दौरान जगत जननी आदिशक्ति की पूजा करने से सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है।