Sharad Purnima 2021: दुख-दरिद्रता से मुक्ति के लिए करें इस मंत्र का जप

punjabkesari.in Tuesday, Oct 19, 2021 - 03:00 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
प्रत्येक वर्ष को आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष की बात करें तो कुछ जगहों पर शरद पूर्णिमा का पर्व आज मनाया जा रहा है, यानि 19 अक्टूबर को तो ज्यादातर जगहों पर शरद पूर्णिमा तिथि कल यानि 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। प्रत्येक पूर्णिमा की तरह इस दौरान भी देवी लक्ष्मी व विष्णु भगवान की जाती है। परंतु चूंकि धार्मिक शास्त्रों में आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को अन्य पूर्णिमा तिथियों में से अत्यंत शुभ व लाभकारी माना जाता है, इसलिए इस दिन कई तरह के अन्य कार्य करने का भी विधान है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार के पूर्णिमा तिथि की रात को चंद्रमा को रोशनी में खीर रखने का विधान है। तो वहीं इस दिन प्रातः पूजन आदि करने के अलावा न केवल देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जप की परपंरा है बल्कि इस दौरान शिव मंत्र का उच्चारण करने से जातक को लाभ प्राप्त होता है साथ ही साथ शिव-पार्वती की कृपा भी मिलती है। तो आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा के दिन किन मंत्रों का जप किया जा सकता है। 

शरद पूर्णिमा पर शिवलिंग का जल स्नान कराने के बाद पंचोपचार पूजा यानी सफेद चंदन, अक्षत, बिल्वपत्र, आंकडे के फूल व मिठाई का भोग लगाकर इस आसान शिव मंत्र का ध्यान कर जीवन में शुभ-लाभ की कामना करें। 

यह शिव मंत्र मृत्युभय, दरिद्रता व हानि से रक्षा करने वाला माना गया है-

पंचवक्त्र: कराग्रै: स्वैर्दशभिश्चैव धारयन्।
अभयं प्रसादं शक्तिं शूलं खट्वाङ्गमीश्वर:।।
दक्षै: करैर्वामकैश्च भुजंग चाक्षसूत्रकम्।

कहा जाता है शरद पूर्णिमा की रात में की गई पूजन और आराधना से साल भर के लिए लक्ष्मी और कुबेर की कृपा प्राप्ति होती है। तो वहीं इन मंत्रों से इनका ध्यान करने से शरद पूर्णिमा के दिन किए पूजन से व्यक्ति के मनोबल में वृद्धि, स्मरण शक्ति व खूबसूरती में वृद्धि होती है। 

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः

भागवत महापुराण में कहा गया है जिस व्यक्ति का भाग्य, सौभाग्य बन जाए तो शरद पूनम पर चमकीले, श्वेत और सुंदर चंद्र देव को उपरोक्त मंत्र से पूजें। चांदी के बर्तन में दूध और मिश्री का भोग लगाकर इस मंत्र का रात भर जप करें।

निम्न दिए मंत्र का शरद पूर्णिमा की रात को जप करने से सौभाग्य की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है-

"पुत्र पौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम् प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु मे।"


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News