Shani Sade Sati 2026 : 2026 में मीन राशि की परीक्षा लेंगे शनि देव, साढ़े साती के बीच ये उपाय बनेंगे कवच
punjabkesari.in Saturday, Dec 20, 2025 - 09:36 AM (IST)
Shani Sade Sati 2026 : साल 2026 मीन राशि के जातकों के लिए ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस वर्ष शनि देव आपकी राशि में ही विराजमान रहेंगे, जिसका अर्थ है कि आप पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा होगा। ज्योतिष शास्त्र में साढ़े साती के दूसरे चरण को सबसे प्रभावशाली माना जाता है क्योंकि इस दौरान शनि चंद्रमा के ऊपर से गोचर करते हैं। यह समय मानसिक तनाव, करियर में बदलाव और व्यक्तिगत जीवन में अनुशासन की मांग करता है। हालांकि, शनि केवल कष्ट नहीं देते, बल्कि वे कर्मफल दाता हैं। यदि आप सही दिशा में प्रयास करें और कुछ विशेष ज्योतिषीय उपायों को अपनाएं, तो यह समय आपके व्यक्तित्व को निखारने और बड़ी सफलता दिलाने वाला भी साबित हो सकता है।

भगवान शिव की शरण और जलाभिषेक
शनि देव भगवान शिव को अपना गुरु मानते हैं। इसलिए, शनि के प्रकोप को शांत करने का सबसे प्रभावी तरीका महादेव की आराधना है। प्रत्येक सोमवार और शनिवार को शिवलिंग पर काला तिल मिलाकर जल अर्पित करें। मीन राशि एक जल तत्व की राशि है और इसके स्वामी गुरु हैं। महादेव की पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है और 'चंद्र-शनि' के मेल से बनने वाले विष योग का प्रभाव कम होता है। जल अर्पित करते समय ॐ नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। यह आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर रखेगा।
शनि स्तोत्र का पाठ
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब राजा दशरथ ने शनि देव को प्रसन्न किया था, तब शनि देव ने उन्हें वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करेगा, उसे साढ़े साती के दौरान विशेष कष्ट नहीं होगा। मीन राशि के दूसरे चरण में शनि अक्सर निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। यह स्तोत्र आपके मार्ग की बाधाओं को दूर करता है। शनिवार की शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाकर इस स्तोत्र का पाठ करें। यदि आप संस्कृत नहीं पढ़ सकते, तो इसका हिंदी अनुवाद भी पढ़ सकते हैं। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जिनके करियर में स्थिरता नहीं आ रही है।

छाया दान और शनिवार का विशेष दान
शनि देव न्याय के देवता हैं और वे दान-पुण्य से अत्यंत प्रसन्न होते हैं। साढ़े साती के दूसरे चरण में शारीरिक कष्टों से बचने के लिए छाया दान एक रामबाण उपाय माना जाता है। एक कांसे या लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरें, उसमें अपना चेहरा देखें और फिर उस तेल को किसी डाकोत को दान कर दें या शनि मंदिर में रख आएं। काले चने, काली छतरी, काले जूते या काले कंबल का दान जरूरतमंदों को करें। यह उपाय आपके संचित नकारात्मक कर्मों के प्रभाव को कम करता है और अचानक आने वाली विपत्तियों से रक्षा करता है।
हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का नियमित पाठ
हनुमान जी के भक्तों पर शनि देव कभी अपनी कुदृष्टि नहीं डालते। त्रेतायुग में हनुमान जी ने शनि देव को रावण के बंधन से मुक्त कराया था, तभी से शनि देव ने उन्हें वचन दिया था कि वे उनके भक्तों को परेशान नहीं करेंगे। प्रतिदिन सुबह या शाम हनुमान चालीसा का पाठ करें। संभव हो तो शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करें या सुनें। मीन राशि के जातकों को 2026 में अज्ञात भय या बेचैनी महसूस हो सकती है। हनुमान जी की पूजा से मंगल और शनि का संतुलन बनता है, जिससे साहस और धैर्य में वृद्धि होती है।

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