Shani Retrograde: 139 दिन के लिए शनि होने जा रहे वक्री, जानें मिथुन राशि का हाल
punjabkesari.in Saturday, May 18, 2024 - 09:26 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Shani Retrograde: आज बात करेंगे शनि देव की। शनि देव 2024 को वक्री होने जा रहे हैं। ये लगभग 139 दिन तक वक्री अस्वथा में रहेंगे। 15 नवंबर को शनि मार्गी होंगे और 30 जून को वक्री होंगे। सबसे पहले जानेंगे कि शनि वक्री और मार्गी क्या होता है ?
सूर्य से शनि जब 120 डिग्री दूर चले जाते हैं तो वक्री अवस्था में आ जाते हैं। मानलीजिए आपकी कुंडली में सूर्य मेष राशि में पड़े हैं तो शनि उच्च के होंगे तो वक्री ही होंगे। जब प्लानेट वक्री होते हैं तो आपका चेष्टा बल बढ़ जाता है। शनि ऐसे फल हैं जो कर्म के फल देते हैं। शनि देव के पॉजिटिव फल भी देंगे। जिनकी कुंडली में शनि शुभ गोचर में हैं उन्हें बढ़िया परिणाम मिलेंगे।
मिथुन राशि के जातक जो प्रोफेशनल लाइफ में हैं जिनकी उम्र 25 से 50 साल से बीच तक है वो शनि की महादशा से गुजर रहे हैं। दशा नाथ वक्री हो जाएगा और शनि मिथुन राशि के जातकों के लिए मित्र ग्रह की तरह काम करता है। यहां पर शनि की मूलत्रिकोण राशि कुम्भ आपकी कुंडली में नौवें भाव में आती है। ये भाग्य का स्थान होता है। शनि यही पर वक्री होंगे। दशानाथ का नौवें भाव में बैठना और वक्री अवस्था में होना निश्चित तौर पर बहुत शुभ फल करने जा रहा है। ये भाग्य स्थान के फल करना चाहेंगे। कोई नया प्रोजेक्ट करना चाहते हैं निश्चित तौर पर आपको इसका फल मिलेगा। नया काम शुरू करने के लिए भी समय बहुत शुभ है। पूजा-पाठ की तरफ रुझान बढ़ सकता है। शनि अध्यात्म की तरफ भी ले जाते हैं। शनि की दृष्टि 11वें भाव पर है। ये अर्निंग का भाव होता है। यहां से आय देखी जाती है। प्रमोशन होने की सम्भावना है। राजनीती से जुड़े लोगों के लिए भी समय बहुत बेहतर रहेगा। सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि देखने को मिलेगी। जो भी फैसला आप लेंगे वो आपके लिए शुभ साबित होगा। शनि इस समय गुरु के नक्षत्र में चल रहे हैं तो निश्चित तौर पर आपको धन और आय में वृद्धि देखने को मिलेगी।
शनि की एक दृष्टि जाएगी आपके छठे भाव के ऊपर। यदि आपका कोई मुकदमा चल रहा है तो वहां से आपको शुभ फल देखने को मिलेंगे। कर्ज से भी छुटकारा मिलेगा। रोग के शिकार हैं तो वहां पर आपको इसके शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे। शनि आपकी कुंडली में अष्टम भाव के स्वामी हैं। अष्टम भाव से आपको शुभ फल मिलेंगे। रिसर्च से जुड़ा काम आप कर सकते हैं। अष्टम भाव छुपे हुए धन का भाव है और सातवां भाव पार्टनर का भाव होता है। पार्टनर से आपको धन लाभ होने की सम्भावना है।
शनि आपकी कुंडली में भाग्य स्थान के स्वामी हैं। इस समय आपके ऊपर महादशा भी चल रही है। यदि आपकी कुंडली में शनि केंद्र में, पहले, चौथे, दसवें, नौवें और ग्यारहवें भाव में है तो आपको नीलम धारण कर लेना चाहिए। निश्चित तौर पर आपके लिए ये बहुत शुभ होगा। इसके बाद आपको वृद्धि देखने को मिलेगी।
यदि आप नीलम नहीं पहन सकते तो इस मंत्र का जाप करें-
ॐ शं शनैश्चराय नमः
यदि ऑफिस में आपके अंडर कोई काम करता है तो आपको उनके साथ बढ़िया बना के रखना चाहिए।
शनिवार शाम के समय काली उड़द की दाल या लोहा डोनेट करना चाहिए। यह दान शाम के समय होगा।
शनिवार शाम के समय नीलम धारण करें। कोई भी काम करने से पहले संकल्प जरूर लें।
नरेश कुमार
https://www.facebook.com/Astro-Naresh-115058279895728