जानिए, उम्र के किस पड़ाव पर अधिक होता है शनि ग्रह का प्रभाव

punjabkesari.in Saturday, May 29, 2021 - 03:04 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक उसकी कुंडली में विराजमान ग्रहों का प्रभाव उस पर व उसके जीवन पर रहता है। बल्कि कहा जाता है जीवन में होने वाली हर घटना के पीछे ग्रहों का ही प्रभाव होता है। इन्हीं ग्रहों में से एक है शनि ग्रह का प्रभाव। लाल किताब की मानें तो शनि ग्रह उम्र के किस वर्ष में विशेष फल देता है, आज हम इस बारे में जानकारी देने जा रहे है। 

सबसे पहले बताते हैं शनि और उम्र का संबंध-
ज्योतिष शास्त्र व लाल किताब के अनुसार किसी भी कुंडली में शनि ग्रह का असर 36 आयु से 42 वर्ष तक की आयु के बीच नजर आता है। यदि तो ये प्रभाव अच्छा होता है तो जातक को मकान, व्यवसाय और राजीति आदि में लाभ-लाभ ही प्राप्त होता है परंतु अगर इसका प्रभाव किसी हालत में अशुभ हो तो व्यक्ति को अपने जीवन के कई तरह के नुकसान झेलने पड़ते हैं। 

कहा जाता है 34 वर्ष से 36 वर्ष की उम्र तक बुध का प्रभाव रहता है और 36 वर्ष से 42 वर्ष की उम्र तक शनि का प्रभाव रहता है। जहां बुध का संबंध व्यापार और नौकरी से होता है वहीं शनि का संबंध जीवन की अन्य कई महत्वपूर्ण बातों से होता है। अगर किसी जातक की कुंडली में उपरोक्त ग्रहों में से कोई भी ग्रह खराब होता है तो उसे ऐसे में अधिक सावधान रहने की आवश्कता होती है। क्योंकि कहा जाता है उम्र का यही पड़ाव व्यक्ति के जीवन में स्थायित्व लाता है। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार अगर ये ग्रह अपना अशुभ प्रभाव देने लगे को ऐसे में निम्न उपाय कर लेने चाहिए, इन उपायों से जातक अपने जीवन में मनचाही सफलता अर्जित कर सकता है।

शनि के लिए उपाय:-
रोज़ाना कौवे को रोटी खिलाएं।
खासतौर पर शनिवार के दिन छाया का दान करें।
शराब का सेवन न करें तथा भगवान भैरव की उपासना करें। 
अपने दांत साफ रखें और अंधे, अपंगों, सेवकों और सफाइकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें।
अगर कुंडली में शनि खराब है तो तिल, उड़द, लोहा, तेल, काला वस्त्र और जूता दान करें। परंतु ध्यान रखें ये उपाय केवल कुंडली में शनि के खराब होने पर ही करें।  
 


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Content Writer

Jyoti

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