Paush Month 2025: जानें, कब से शुरू होगा पौष महीना और क्या है इसका महत्व
punjabkesari.in Wednesday, Dec 03, 2025 - 07:40 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में, हर महीने का अपना एक विशेष स्थान होता है और इन्हीं में से एक है पौष मास। यह भारतीय पंचांग का दसवां महीना है, जो मार्गशीर्ष के बाद और माघ मास से ठीक पहले आता है। पौष महीने को विशेष रूप से सूर्य देव की आराधना के लिए समर्पित माना जाता है। इस दौरान सूर्य को अर्घ्य देने और उनकी उपासना करने से व्यक्ति को आरोग्य, तेज और सफलता की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त, यह मास दान-पुण्य, धार्मिक अनुष्ठान और पितरों के तर्पण के लिए भी अत्यंत शुभ माना गया है। तो आइए जानते हैं साल 2025 में यह पवित्र महीना कब शुरू हो रहा है, इसका आध्यात्मिक महत्व क्या है।

पौष माह 2025 डेट और महत्व
इस वर्ष पौष मास की शुरुआत 5 दिसंबर 2025 से होने जा रही है और इसका समापन 3 जनवरी 2026 को होगा। धार्मिक परंपराओं के अनुसार, यह महीना पवित्र स्नान, दान-पुण्य, और पितरों के तर्पण के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान विधि-विधान से किए गए अनुष्ठानों से व्यक्ति को धन-संपत्ति, ऐश्वर्य और बेहतर स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। विशेष रूप से, पौष महीने में सूर्य देव की उपासना का महत्व अधिक होता है क्योंकि इस अवधि में सूर्य अधिकतर धनु राशि में विराजमान रहते हैं। यही कारण है कि इस मास को धनुर्मास के नाम से भी जाना जाता है।

पौष महीने का धार्मिक महत्व
सूर्य देव की उपासना
यह महीना मुख्य रूप से सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस दौरान रोज़ाना सूर्य को अर्घ्य देने और उनके मंत्रों का जाप करने से उत्तम स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। प्रत्येक रविवार को सूर्य देव का व्रत करने से उनकी विशेष कृपा मिलती है।
भगवान विष्णु की पूजा
सूर्य के साथ-साथ, इस मास में भगवान विष्णु की पूजा करना भी बहुत कल्याणकारी माना गया है।
पितरों का तर्पण
यह महीना पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म करने के लिए भी विशेष फलदायी होता है।
दान-पुण्य
इस महीने में दान का महत्व बहुत बढ़ जाता है। विशेष रूप से गुड़, काले तिल, गर्म वस्त्र (जैसे कंबल) और अन्न का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
