सर्वपितृ अमावस्या पर बन रहा है ये शुभ योग!

punjabkesari.in Tuesday, Oct 05, 2021 - 03:07 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
6 अक्टूबर को इस साल के पितृ पक्ष का समापन हो जाएगा। धार्मिक व ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या के दिन पित पक्ष की सर्वपितृ अमावस्या के दिन आखिरी श्राद्ध आदि किया जाता है। धार्मिक शास्त्रों में यूं तो प्रत्येक अमावस्या तिथि को महत्व प्राप्त है, परंतु पितृ पक्ष की अमावस्या तिथि को विशेष स्थान प्राप्त है। इस बार की अमावस्या तिथि की बात करें तो ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि इस सर्वपितृ अमावस्या पर लगभग 11 साल बाद गजछाया योग बन रहा है, जिस कारण इस अवसर पर श्राद्ध करने से अधिक लाभ होने वाला है। परंतु इस दौरान श्राद्ध करने वाले जातक को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए, कि श्राद्ध करने के नियम आदि तथा लाभ हानि क्या हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं पितृ श्राद्ध कर्म करने से कौन से 5 खास फायदे होते हैं। तो आइए बिना जरा देर किए जानते हैं इन फायदों के बारे में-

सनातन धर्म से जुड़े शास्त्रों व ग्रंथों में बताया गया है कि गजछाया योग अमावस्या के लिहाज़ से बेहद शुभ होता है। इस शुभ योग के दौरान तर्पण, पिंडदान, पंचबलि कर्म, ब्राह्मण भोज, दान दक्षिणा और खीर का दान करने से पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।

इस गजछाया योग के दौरन श्राद्ध कर्म करने और दान देने से आने वाले 12 वर्षों तक के लिए पितरों की क्षुधा को शांति मिल जाती है। 

कहा जाता है जो व्यक्ति इस दौरान श्राद्ध कर्म करता है या पिंडदान करता है उसे अपने जीवन के हर प्रकार के ऋष से छुटकारा मिलता है। 

इसके अलावा इस योग में श्राद्ध जैसे कर्म कांड करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति तथा समृद्धि का आगमन होता है। तो वहीं ज्योतिष ये भी बताते हैं कि इस दिन श्राद्ध कर्म कांड को विधि वत रूप से संपन्न करने वाले जातक के वंश में वृद्धि होती है। 


 


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Content Writer

Jyoti

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