Inspirational Context: अगर आपको भी रहता है मृत्यु का भय तो इस रहस्य को पढ़ना न भूलें

punjabkesari.in Monday, Jan 16, 2023 - 06:42 AM (IST)

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Sant Tukaram Story: संत तुकाराम अपने आश्रम में बैठे हुए थे। तभी उनका एक शिष्य, जोकि क्रोधी स्वभाव का था, आया और बोला, ‘‘गुरु जी, आप कैसे अपना व्यवहार इतना मधुर बनाए रहते हैं, न आप किसी पर क्रोध करते हैं और न ही किसी को कुछ भला-बुरा कहते हैं ? कृपया अपने इस अच्छे व्यवहार का रहस्य बताइए ?

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‘‘ संत बोले, ‘‘मुझे अपने रहस्य के बारे में तो नहीं पता पर मैं तुम्हारा रहस्य जानता हूं।’’

‘‘मेरा रहस्य, वह क्या है गुरु जी?’’ शिष्य ने आश्चर्य से पूछा।

 ‘‘तुम अगले एक हफ्ते में मरने वाले हो !’’ संत तुकाराम दुखी होते हुए बोले।

शिष्य उदास हो गया और गुरु का आशीर्वाद ले वहां से चला गया। उस समय से शिष्य का स्वभाव बिल्कुल बदल गया। वह हर किसी से प्रेम से मिलता और कभी किसी पर क्रोध न करता। देखते-देखते संत की भविष्यवाणी को एक हफ्ता पूरा होने को आया। शिष्य ने सोचा चलो अब आखिरी बार गुरु के दर्शन कर आशीर्वाद ले लेते हैं। वह उनके समक्ष पहुंचा और बोला, ‘‘गुरु जी मेरा समय पूरा होने वाला है, कृपया मुझे आशीर्वाद दीजिए।

‘‘ संत तुकाराम बोले, ‘‘मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है पुत्र। अच्छा ये बताओ कि पिछले 7 दिन कैसे बीते ? क्या तुम पहले की तरह लोगों से नाराज हुए, उन्हें अपशब्द कहे ? ’’

शिष्य बोला, ‘‘मेरे पास जीने के लिए सिर्फ सात दिन थे, मैं इन्हें बेकार की बातों में कैसे गंवा सकता था ?’’ मैं तो सबसे प्रेम से मिला और जिन लोगों का कभी दिल दुखाया था उनसे क्षमा भी मांगी।’’

संत बोले, ‘‘यही तो मेरे अच्छे व्यवहार का रहस्य है। मैं जानता हूं कि मैं कभी भी मर सकता हूं, इसलिए मैं सभी से प्रेमपूर्ण व्यवहार करता हूं।

शिष्य समझ गया कि संत तुकाराम ने उसे जीवन का यह पाठ पढ़ाने के लिए ही मृत्यु का भय दिखाया था।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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